जल-प्रबंधसमिति-अध्यक्ष ने रजबहा/माइनरों की सफाई और सिंचाई सम्बन्धी दिक्कतों की शासन-प्रशासन से की शिकायत

कछौना, हरदोई। विकासखंड कछौना के जल प्रबंध समिति की अध्यक्ष रजनी ने कछौना विकासखंड के रजबहा व माइनरों की समुचित सफाई व्यवस्था न होने की शिकायत शासन प्रशासन से की।

किसानों की सिंचाई का मुख्य साधन नहरे, रजबहा, माइनर हैं। परंतु विभाग की खाऊ-कमाऊ नीति के चलते किसानों को सिंचाई का सही लाभ नहीं मिल पता है। जिसके कारण किसानों को निजी संसाधनों के माध्यम से सिंचाई करके आर्थिक नुकसान होता है।

विकासखंड कछौना के अंतर्गत 41 ग्रामसभाएं हैं। जहां के किसानों का सिंचाई का मुख्य साधन शारदा नहर व इससे निकले रजबहे व माइनर हैं। अधिकांश माइनर के टेल पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं। जिसके कारण आयेदिन ओवरफ्लो के चलते किसानों की फसल जलमग्न हो जाती है। वहीं माइनर की पटरी जगह-जगह खत्म हो चुकी है। सिल्ट की सफाई में खानापूर्ति होती है और पटरी मरम्मत कार्य नहीं कराया जाता है।

जल प्रबंधन समिति अध्यक्ष रजनी ने दिए गए शिकायत पत्र ने बताया महरी, समसपुर, बालामऊ, कछौना, बघौली, गाजू, लोन्हारा माइनर है। इनमें हेड पर कुछ दूरी तक सिल्ट सफाई कार्य पाया गया है। केवल घास की सफाई की गई है । पानी नापने के गेज जो सभी नहरों में पक्की बनी होती है, वह एक भी नहीं दिखाई पड़ी है। गुलाबा अधिकांश बंद हो चुके हैं। नहर, रजबहा, माइनर की पटरी निकलने योग्य नहीं है। सफाई के नाम पर अधिकारी, ठेकेदार जमकर धनराशि का बंदरबांट कर कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं। रजबहा, माइनर की अधिकारियों व सींचपाल द्वारा नियमित रूप से सही निगरानी नहीं की जाती है। जिससे किसान आए दिन खांदी काटकर व बांध बांधकर कर सिंचाई करते हैं। जिससे बांध के आगे के किसानों की सिंचाई प्रभावित होती है। रजबहा, माइनरों की पुलिया जर्जर व छतिग्रस्त हैं। पुलिया क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी का बहाव आगे नहीं जाता है। करोड़ों रुपए की धनराशि का बंदरबांट हो जाता है। जमीनी स्तर पर समुचित कार्य न होने के कारण किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पाता है। किसानों को रोस्टर के अनुसार पानी नहीं मिल पाता है। अधिकारी फर्जी रिपोर्टिंग कर कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं।

किसानों के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम प्रभावी व भ्रष्टाचार मुक्त न होने के कारण किसानों को लाभ नहीं मिल पाता है। क्षेत्र पंचायत सदस्य रजनी ने पूरे मामले की जांच कर दोषी लोगों पर ठोस कार्यवाही की मांग की। न्याय न मिलने पर गांव गांव जाकर किसानों को जागरूक कर जिला स्तर पर आंदोलन किए जाने की बात कही।

रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता