गांव तय करें कि कोई बीमारी आएगी या नहीं : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों में कमाई और रहन-सहन के तौर-तरीके बदल रहे हैं इसलिए बुनियादी क्षमताओं को मुख्‍यधारा की आर्थिक व्‍यवस्‍था से जोड़ने की आवश्‍यकता है। नरेन्‍द्र मोदी ऐप के माध्‍यम से भारतीय जनता पार्टी सांसदों और वि‍धायकों से चर्चा में उन्‍होंने कहा कि कौशल विकास पर अधिक ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्‍येक विधायक को अपने निर्वाचन क्षेत्र के कम से कम एक गांव का विकास कार्य अपने हाथ में लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार गांवों के लिए स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र खोलना चाहती है ताकि लोगों को इलाज की सुविधाएं मिल सकें। हम चाहते है 8, 10 गांवों के बीच में एक अच्‍छा वेलनेस सेन्‍टर हो, डेवलपमेंट हो, टैक्‍नोलॉजी के द्वारा उसका उपायोग हो। 2022 तक हम देश में डेढ़ लाख से ज्‍यादा पंचायतों में वेलनेस सेन्‍टर बनाने का बड़ा अभियान चलाने वाले हैं।

श्री मोदी ने बताया कि सरकार बच्‍चों की शिक्षा और युवाओं के लिए अवसरों पर अधिक ध्‍यान दे रही है। हमारे गांव में बच्‍चे स्‍कूल छोड़ देते है, गांव पूरा तय करेगा कि हमारे गांव से एक भी बच्‍चा स्‍कूल नहीं छोड़ेगा। मुझे बताइये कि ये बच्‍चे स्‍कूल जायेंगे या नहीं जायेंगे, गांव के अंदर सफाई होनी चाहिए, गांव तय करें कि कोई बीमारी आएगी क्‍या, नहीं आएगी। टीकाकरण का काम है, गांव में उत्‍सव बन जाए। लो चलो आज टीकाकरण है कोई बच्‍चा रह नहीं जाना चाहिए, मां रहनी नहीं चाहिए, कोई प्रसूता माता रहनी नहीं चाहिए। गांव अपने आप में एक शक्ति है।”