न्‍यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की पदोन्‍नति पर पुनर्विचार के मुद्दे पर उच्‍चतम न्‍यायालय के कोलीजियम का फैसला टाला

उच्‍चतम न्‍यायालय के कोलीजियम ने उत्‍तराखण्‍ड के मुख्‍य न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की उच्‍चतम न्‍यायालय में पदोन्‍नति पर पुनर्विचार के मुद्दे पर अपना फैसला फिलहाल टाल दिया है। कोलीजियम के पांचों सदस्‍यों–प्रधान न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्‍यायमूर्ति जे. चेलमेश्‍वर, न्‍यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्‍यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्‍यायमूर्ति कूरियन जोसेफ ने बैठक में हिस्‍सा लिया। कोलीजियम के प्रस्‍ताव में कहा गया है कि उसने केन्‍द्रीय विधि और न्‍याय मंत्रालय के इस साल 26 और 30 अप्रैल के पत्रों के अनुसार न्‍यायमूर्ति के. एम. जोसेफ के मामले पर विचार के लिए बैठक की, जिसमें उचित प्रतिनिधित्‍व की अवधारणा के आधार पर कलकत्‍ता, राजस्‍थान, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश उच्‍च न्‍यायालयों के न्‍यायाधीशों की पदोन्‍नति पर भी विचार किया गया।

वहीं विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि उत्‍तराखण्‍ड उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश के. एम. जोसेफ की उच्‍चतम न्‍यायालय में नियुक्ति को रोकने के सरकार के फैसले का उत्‍तराखण्‍ड में राष्‍ट्रपति शासन रद्द करने के उनके फैसले से कुछ भी लेना देना नहीं है। श्री प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस और कुछ अन्‍य लोग इस बारे में सरकार पर तरह तरह के आरोप लगा रही है। कल नई दिल्‍ली में संवाददाताओं से बातचीत में श्री रवि शंकर प्रसाद ने न्‍यायमूर्ति जोसेफ के नाम के बारे में पुनर्विचार करने के कदम को उचित उठाया।