इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० संगीता श्रीवास्तव की शैक्षिक उपाधियाँ : संशय के घेरे मे!…?

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

दशकों से इलाहाबाद विश्वविद्यालय के लगभग सभी कुलपति किसी-न-किसी रूप मे विवादग्रस्त रहे हैं। किसी कुलपति ने अपने सगे-सम्बन्धियों की नियुक्ति करायी; किसी कुलपति ने अपने बेटी को ‘टॉप’ करवा दिया; किसी कुलपति ने करोड़ों की धनराशि डकार ली; किसी कुलपति की अयोग्यता प्रत्येक स्तर पर दिखी; किसी कुलपति की व्यभिचारकथा उजागर हुई थी। उसी शृंखला की एक कड़ी हैं, प्रो० संगीता श्रीवास्तव। इन दिनों इलाहाबाद विश्वविद्यालय एक बार फिर चर्चा के केन्द्र मे आ चुका है। इस बार इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० संगीता श्रीवास्तव पर गम्भीर आरोप लगा है, जिसे वादी-द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर कथित कुलपति के विरुद्ध याचिका न्यायालय-द्वारा सुनवाई के लिए स्वीकृत कर ली गयी है और आगामी ४ मई को कुलपति को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए निर्देश कर दिया गया है। कुलपति पर गम्भीर आरोप मढ़े गये हैं, जिसके सिद्ध होने पर प्रो० संगीता श्रीवास्तव की कुलपति की कुर्सी ख़तरे मे पड़ सकती है। उनपर जो मुख्य आरोप है, वह यह कि उन्होंने नियम के विपरीत कुलपति-पद का भार ग्रहण किया है। उन पर अपनी नियुक्ति कराने के लिए निर्धारित अर्हता को अवैध रूप से छिपाकर प्रस्तुत करने का गम्भीर आरोप है। वैसे भी उनकी नियुक्ति ‘अप्रत्याशित’ रूप से की गयी थी।

प्रो० संगीता श्रीवास्तव : एक विवादास्पद चेहरा

प्रो० संगीता श्रीवास्तव शिक्षाविद् अथवा शिक्षाशास्त्री हों, ऐसा भी नहीं है। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गृहविज्ञान मे एक सामान्य प्राध्यापक रही हैं।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २ मई, २०२२ ईसवी।)