गैस एजेंसी पर घटतौली सहित उज्ज्वला लाभार्थियों से की जा रही अवैध वसूली

दीपक कुमार श्रीवास्तव-

कछौना (हरदोई)। लॉकडाउन के विषम संकटकाल में जहाँ एक ओर सरकार आमजनमानस के लिए मूलभूत सुविधाएं राशन, अग्रिम पेंशन, जन धन खातों में पैसा,गैस आदि उपलब्ध कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है वहीं दूसरी ओर कुछ गैस एजेंसियाँ घटतौली, फार्म का पैसा आदि लेकर मनमानी कर सरकार की मंशा पर पानी फेरते हुए उज्ज्वला उपभोक्ताओं को चपत लगा रही हैं।

लॉकडाउन की स्थिति में सरकार ने उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन धारकों के लिए तीन महीने तक मुफ्त गैस सिलेंडर की व्यवस्था की है जिसके लिए उज्ज्वला योजना धारकों के बैंक खाते में सिलेंडर के पैसे भेजे जा रहे हैं। साथ ही सरकार के निर्देशानुसार एजेंसियों को उपभोक्ता के घर पर सिलेंडर की आपूर्ति (होम डिलीवरी) भी सुनिश्चित करना है। लेकिन ग्रामीण अंचलों में होम डिलीवरी में शिथिलता बरतने के कारण उपभोक्ता एजेंसी पर लंबी लाईनों में लगकर परेशान हो रहा है। साथ ही एजेंसियों द्वारा उपभोक्ता से फार्म के नाम पर पैसा लेने के साथ साथ दो से पांच किलोग्राम तक गैस कम के सिलेंडर दिए जा रहे हैं।

ताजा मामला एचपी गैस एजेंसी कछौना का है जहां पर उज्ज्वला लाभार्थियों से उनके कनेक्शन में मोबाइल नंबर, खाता नंबर आदि अपडेशन करने/फार्म भराने के नाम पर प्रति लाभार्थी बीस रूपये लेकर दो से पांच किलो गैस कम होने तक के सिलेंडर दिए जा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों से आने वाले उपभोक्ता के जागरूक ना होने के कारण एजेंसी उसका जमकर फायदा उठा रही है। कुछ लोगों के कहने पर संचालक इधर उधर की बातों का हवाला देते हुए उपभोक्ता को टरका देते हैं। गोदाम पर लगे तौल यंत्रों की उपयोगिता सार्थक होती नजर नहीं आ रही है। इस संदर्भ में जब जिला आपूर्ति अधिकारी को अवगत कराया गया तो उन्होंने प्रकरण संज्ञान में लेकर एचपी के सेल्स ऑफिसर को भेजकर जांच करने की बात कही। वहीं दूसरी ओर घटतौली के संबंध में बांट-माप विभाग के वरिष्ठ निरीक्षक ने बताया कि ऐसी एजेंसियों के संबंध में अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल उक्त प्रकरण को संबंधित प्राधिकरणों को अवगत कराने के साथ प्रत्येक उपभोक्ता से अपील है कि आप स्वयं जागरूक व सजग बनते हुए एजेंसी/गोदाम आदि से गैस सिलेंडर को प्राप्त करते समय तुंरत उसका वजन अपने सामने जरूर जांच लें और निर्धारित मात्रा से गैस सिलेंडर का वजन कम होने पर तुंरत संबंधित व्यक्ति को अवगत कराएं। शिकायत का समाधान ना होने अथवा असंतुष्ट होने की दशा में आप जिला पूर्ति अधिकारी, बांट-माप विभाग को अवगत कराते हुए अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं ।