डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
अपने को क्षत्राणी बताकर तलवारें चमकानेवाली महिलाएँ उत्तर दें :—-
१- ‘पद्मावती’ रानी थी अथवा महारानी थी?
२- रानी और महारानी में किन्हीं तीन अन्तर को बता सकती हो?
३- मलिक मुहम्मद जायसी और पद्मावती के बीच किस प्रकार के सम्बन्ध थे?
४- तुममें से कितनी महिलाओं ने ‘अल्लाउद्दीन’ और ‘पद्मावती’ के विषय में प्रामाणिक जानकारी अर्जित की है?
५- किस ठोस आधार पर तुम लोग ‘पद्मावती’ को इतिहास के साथ तोड़-मरोड़कर फ़िल्म बनाने का दावा करती हो?
७- तुम सबने किस अधिकार से तलवार निकाल ली है?
८- फूल्लन देवी के साथ तथाकथित ‘राजपूतों’ के गाँव ने बलात्कार किया था तब तुम्हारी तलवारों में ज़ंग लग गयी थी? तब महिला की प्रतिष्ठा पति-अधीनता की भेंट चढ़ गयी थी?
९- तुम्हें यदि लगता है कि उस फ़िल्म को दिखाकर राजपूतों का अपमान किया गया है तब क़ानून को हाथों में लेकर तलवार चमकाकर वातावरण को आतंकित करने की जगह पर न्यायालय में क्यों नहीं जा रही हो?
१०- मॉडलिंग और विज्ञापनजगत में, बिकनी और पैण्टी पहनकर क्षत्रिय लड़कियाँ जब अपने अंग-प्रत्यंग प्रदर्शित करती हैं तब तुम सबका स्वाभिमान कैसे सो जाता है? फ़िल्मों और पेशेवर मंचों पर क्षत्रियों की लड़कियाँ लटके-झटके दिखाती हैं; क्षत्रियों की शादियों में खुले आम सड़कों पर अपने अंगों का भौंड़ा प्रदर्शन करते हुए, महिलाएँ नाचती हैं तब तुम सबकी तलवारें किस म्यान में आराम फ़रमाती रहती हैं?
सलाह : नेतागिरी चमकाने वाले क्षत्राणी-क्षत्रियों का एक शिष्टमण्डल संजय भंसाली की फ़िल्म को देखे; देखने के बाद सचमुच, यदि दिखता है कि क्षत्रिय-मर्यादा के साथ उपहास किया गया है तो निस्सन्देह, आपत्तिजनक दृश्यों को हटवाया जाना चाहिए।