भू-माफिया पर गंभीर धाराओं में कई मुक़द्दमे दर्ज़, फिर भी गिरिफ़्तारी नहीं?

प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक संपत्ति को भू माफियाओं से बचाने के लिए एंटी भू माफिया स्कर्ट का गठन किया और तमाम बड़े-बड़े भू माफियाओं पर पूरे प्रदेश में कार्रवाई  देखने को मिली। साथ ही अवैध रूप से कब्जा की गई सार्वजनिक संपत्ति को छुड़ाकर राजस्व बढ़ाया है। तो वहीं दूसरी ओर भू माफियाओं पर पुलिस ने शिकंजा कसते हुए गिरिफ़्तार भी किया गया है।

लेकिन राजधानी लखनऊ के मड़ियाव थाना क्षेत्र  घैला ग्राम पंचायत में स्थित डेंटल कैरियर के मालिक अजमत खां, बेटा इकबाल खां, सहयोगी अब्दुल अजीज खां को पकड़ने में नार्थ जोन की पुलिस नाकाम साबित हो रही है।

अजमत खां, इकबाल खां पर एक मुकदमा दर्ज नहीं है वरन् इन दोनों पिता पुत्र पर कई मुकदमे गंभीर धाराओं में दर्ज हैं। लेकिन फिर भी ना जाने किसके संरक्षण में यह भू-माफिया पुलिस के हाथ नहीं आ रहे हैं।

लखनऊ पुलिस की छवि राजधानी में कमिश्नरेट लागू होने के बाद कुछ अलग ही सामने आई है। और लोगों ने पुलिस पर विश्वास भी जमाया है। कई बार लखनऊ पुलिस ने अपराधियों का एनकाउंटर किया है।

तो दूसरी तरफ अपराधिक श्रेणी के लोगों ने पुलिस के इस डर से खुद को सरेंडर भी किया है। एंटी भू माफिया स्कर्ट के तहत पुलिस ने कई भू माफियाओं को न्यायिक हिरासत में भेजा है। साथ ही यू पी गैंगस्टर तहत कार्रवाई की है।

सवाल यह उठता है आखिर पुलिस इन दोनों को क्यों नहीं पकड़ रही है। क्या पुलिस सिर्फ छोटे-मोटे चोरों को पकड़ कर पीठ थपथपाने तक सीमित रह गई है। इन आरोपितों की गिरिफ़्तारी में देरी से पुलिस सवालों के घेरे में है।