डॉ. राजेश पुरोहित
1.कोरोना की मार से, बचा कहाँ संसार।
दशों दिशाओं में मचा , देखो हाहाकार ।।
2 चेले निज घर बैठकर, मना रहे हैं मौज।
गुरुवर शिक्षा दे गये, उठा ग्रंथ कन्नौज।।
3 अपनी अपनी दे रहे, लोग मुफ्त में राय।
कोरोना के नाम पर,जी भर पीते चाय।।
4 जनता कर्फ़्यू को लगा , सोचे सेवक आज।
लोग सुरक्षित घर रहें, कोरोना का राज।।
5 छूने खाने में रखो, अब थोड़ा परहेज।
सभी काम तुम छोड़कर, सो जाओ सुख-सेज।।