कविता: आज़माइश

नफरत की नहीं
मोहब्बत की
आजमाइश करो।
पराएयो की नहीं
अपनों की
आजमाइश करो।
बुराई की नहीं
अच्छाई का ढोंग
करने वालों की
आजमाइश करो।
दिल दुखाने वालों की नहीं
दिल लगाने वालों की
आजमाइश करो।
मरने वालों की नहीं
जीने वालों की
आजमाइश करो।
कड़वी जुबान की नहीं
शहद से मीठे होठों की
आजमाइश करो।

राजीव डोगरा
(भाषा अध्यापक)
गवर्नमेंट हाई स्कूल ठाकुरद्वारा