कविता : भेड़िये

हवसी भेड़िये
कहीं बाहर नहीं
हमारे अंदर
हमारे आस पास ही रहते है।
कभी हमारे
गंदे विचारों में,
कभी हमारी
गंदी निगाहों में।
कभी हमारी
गंदी सोच में
ताकते रहता है वो
ओरों की बहू बेटियों को।
कभी-कभी
अपनी सोच से
लाचार होकर ये भेड़िये
नोचते है अपनी ही
बहू बेटियों को भी।

राजीव डोगरा
(भाषा अध्यापक)
गवर्नमेंट हाई स्कूल ठाकुरद्वारा
पता-गांव जनयानकड़
पिन कोड -176038
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश