माँ तू मेरे जीवन की बुनियाद

माँ तू मेरे जीवन की वो बुनियाद है
जिसके बिना मेरा कोई अस्तित्व नहीं
मेरे बिना बोले मेरे चेहरे से
मेरे दिल की हर इक वो बात बूझ लेती हो
जिसे मैं बोल नहीं पाता
परछाई की तरह चलती है साथ मेरे
पर एहसान कभी नहीं जताती
तेरे रहने से घर में रोनक है छाई
और बिन तेरे माँ आँख है भर आई
मेरे लिए हर सीमा तोड़ देती हो तुम
मुझपे ना आये कोई आंच इसलिए आगे खड़ जाती हो तुम
मुझे हर ख़ुशी मिले इसलिए अपनी खुशी भूल जाती हो
क्यूँ करती है इतने उपकार माँ
जब तुझे पता है मिलता है इसके बदले दुत्कार
मैं रोता हूँ, तो आँख तेरी भी भर आती है
और मैं हँसता हूँ तो चेहरा तेरा भी खिल जाता है माँ
मुझे जन्म देने पर लेती तू भी इक नया जन्म
फिर क्यूँ भूल जाते हैं लोग तेरा ये कर्म
तेरे बारे में मैं क्या कहूँ माँ
क्यूँकि तू है मेरा जहान्
चाची हो या मासी
पर बिन तेरे नहीं है माँ
कोई तेरे जैसी
सौ गाली देने के बाद भी
वापिस है पुकारती
चीजें टूट जाने पर खूब है डांटती
और बाद में खुद ही हँसाती
भगवान भी रोया होगा
जब माँ उसने तुझे बनाया होगा
क्योंकि मैंने उससे पहले माँ तुझे पुकारा है।

नाम : अरविंदा
जिला : हमीरपुर
जे. बी. टी. अध्यापक