वयोवृद्ध कवि-साहित्यकार डॉ० सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव नहीं रहे

नगर के प्रतिष्ठित कवि और साहित्यकार डॉ० सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव का २० जुलाई, २०१८ ईसवी को उनके कटरा-स्थित निवास में निधन हो गया था। ८० वर्षीय वयोवृद्ध श्री श्रीवास्तव पत्नी, एक पुत्र , तीन पुत्रियाँ तथा दो पोतियों से भरे-पूरे परिवार को छोड़ गये हैं। वे इलाहाबाद की ऐतिहासिक पत्रिका ‘कायस्थ कुल’ के वरिष्ठ सम्पादक और ‘साहित्यांजलि प्रज्योदि’ संस्था के संस्थापक संरक्षक थे।
पत्रकारिता और ज्योतिष पर उनकी गहरी पकड़ थी। ‘भक्त शिरोमणि’, ‘रामचरित एकादश’, ‘तीर्थराज प्रयाग’, ‘गोस्वामी तुलसीदास एवं ज्योतिष’, ‘वास्तु– एक विहंगम दृष्टि’ आदिक पुस्तकों के वे प्रणेता थे। प्रथम श्रेणी के विशेष ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के पद से वे सेवानिवृत्त हुए थे।

ऐसे प्रख्यात साहित्यशिल्पी की अन्त्येष्टि क्रिया २१ जुलाई, २०१८ को रसूलाबाद घाट में की गयी। उनके पुत्र अंशुमान ने मुखाग्नि दी।

इसी अवसर पर रसूलाबाद में आयोजित श्रद्धांजलि-सभा में शाइर तलब जौनपुरी, दोहाकार डॉ० प्रदीप चित्रांशी, कवि केशव प्रसाद सक्सेना, कहानीकार कैलाशनाथ पाण्डेय, कवि देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव देवेश आदि ने अपनी वैचारिक श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा का संयोजन भाषाविद् डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने किया।