आइए! सत्य-संधान करें

June 13, 2022 0

— आचार्य पंडित पृथ्वीनाथ पाण्डेय प्राय: सत्य स्वयं में नितान्त कटु होता है। इसका आयाम बृहद् है— कहीं मृदु अनुभव होता है और कहीं कठोर। यहीं पर सत्य की प्रियता-अप्रियता की, यापित काल-खण्डों में गहन […]

सत्य और प्रकृति की विचारधारा से जुड़ाव साहित्य है– अनवार अब्बास

November 30, 2021 0

‘साहित्यांजलि प्रज्योदि’, प्रयागराज के तत्त्वावधान में ३० नवम्बर को ‘सारस्वत सभागार’, लूकरगंज, प्रयागराज में दो चरणों में आयोजित सारस्वत समारोह की अध्यक्षता भाषाविज्ञानी-समीक्षक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने की थी। प्रख्यात शाइर अनवार अब्बास मुख्य […]