क्रान्तिदूत नेल्सन मण्डेला को हमारा नमन

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

आज १८ जुलाई है; और आज ही की तिथि (१८ जुलाई, १९१८ ईसवी) में दक्षिणअफ़्रीका में रंगभेद के विरुद्ध महाक्रान्तिधर्मी रोलिहलाहला नेल्सन मण्डेला का जन्म हुआ था।

क्रान्तिदूत नेल्सन मण्डेला ने दक्षिणअफ़्रीका में जिस ‘रंगक्रान्ति’ को एक आकार दिया और उसका विस्तार किया था, उससे विश्व के अधिकतर देश और अन्तरराष्ट्रीय संघटन रंगभेद के विरोध में सामने आ गये थे, जिनमें अपना देश ‘भारत’ की सर्वाधिक सकारात्मक भूमिका थी।

आठवें दशक का ‘मुण्डरगेट’ काण्ड रंगभेद से ही जुड़ा था। दक्षिणअफ़्रीका की जनता ने उसे ‘देशद्रोह’ की संज्ञा देकर विद्रोह का बिगुल बजा दिया था।

नेल्सन मण्डेला ने अपना सम्पूर्ण यौवन रंगक्रान्ति ने नाम कर दिया था; उन्हें आजीवन कारावास का दण्ड मिला था। रंगभेद के विरोध में वैश्विक समर्थन उनके साथ था; अन्तत:, उनका अप्रतिम संघर्ष सफल रहा और १० मई, १९९४ ईसवी को नेल्सन मण्डेला ने दक्षिणअफ़्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण किया था।

दक्षिणअफ़्रीका के तत्कालीन श्वेत-शासन-संचालकों के विरुद्ध नेल्सन मण्डेला ने जिस दुस्साहस का परिचय देते हुए, उनकी सत्ता की चूलें हिला दी थीं, उसका समादर करते हुए, हम उनकी पावन स्मृति को नमन करते हैं।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १८ जुलाई, २०२१ ईसवी।)