उन्नाव दुष्कर्म काण्ड : राष्ट्रीय लज्जा का विषय!

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

■ मुख्यमन्त्री, प्रधानमन्त्री, पुलिस-प्रशासन– सभी के सामने वह अनाथ गिड़गिड़ाती रही, सभी ने पल्ले झाड़ लिये; परिणाम….ओफ़्फ़!
◆ ‘नारी-स्वाभिमान’ और ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ की बड़ी-बड़ी बातें करनेवालो! तुम सभी का सर्वनाश हो।

उन्नाव (उत्तरप्रदेश) की एक लड़की के साथ भारतीय जनता पार्टी का विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उसका भाई, उसके गुर्गे, एक महिला शशि सिंह तथा उसके भाई ने
४ जून, २०१७ ई० को सामूहिक बलात्कार करने-कराने में शामिल रहे थे। वह लड़की उत्तरप्रदेश के मुख्यमन्त्री आदित्यनाथ योगी, देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी, उत्तरप्रदेश के शीर्षस्थ पुलिस-प्रशासन, महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग आदिक से न्याय और सुरक्षा की भीख माँगती दर-दर भटकती रही; किन्तु अफ़सोस! किसी ने उसके आँसू तक नहीं पोंछे। परिणाम यह हुआ कि विरोध और केस दर्ज़ कराने पर बलात्कारपीड़िता के पिता की ‘पुलिस-अभिरक्षण’ में नृशंस मृत्यु हो गयी थी, जिसके लिए सम्बन्धित थाने का पुलिस-तन्त्र उत्तरदायी था। ‘सी०बी०आइ०’ को जाँच सौंप दी गयी थी। तब वह पीड़िता दिल्ली में रहने लगी।

बताया जाता है कि सी०बी०आइ० के बुलावे पर ही वह लड़की दिल्ली से आयी थी, जो गवाही देने के सन्दर्भ में अपने वकील, मौसी तथा चाची के साथ अपने चाचा से मिलने के लिए कार से रायबरेली जेल जा रही थी; उस समय वर्षा हो रही थी, तभी विपरीत दिशा से लगभग १२० कि० मी० प्रति घण्टे की गति में आ रही एक ट्रक ने उस कार में ज़बरदस्त टक्कर मारते हुए, कार को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसके कारण पीड़िता की चाची और मौसी की घटनास्थल पर दर्दनाक मृत्यु हो चुकी थी; पीड़िता और उसके वकील गम्भीर स्थिति में हस्पताल में हैं।

बेशक, उत्तरप्रदेश में ‘मानवता’ कराह रही है; किन्तु सभी ‘गांधी के तीन बन्दर’ बने हुए हैं, क्यों? कल तक संसद् में ‘नारी-अपमान’ को लेकर जो ‘औरतें’ ‘नग्न नृत्य’ कर रही थीं, वही ‘उनाव सामूहिक बलात्कार की पीड़िता-द्वारा सहायता, संरक्षण माँगने, न्याय की गुहार करने तथा हत्याकाण्ड’ पर चुप्पी साधे हुई हैं। कल से उन सभी महिला सांसदों को धिक्कारने के लिए अपने यहाँ के शताधिक शब्दकोश को खंगाल रहा हूँ; परन्तु एक सिरे से उन सभी ‘बहुरुपिया महिलाओं’ और ‘त्रिया-चरित्र’ धारण करने और प्रदर्शित करने में दक्ष स्त्रियों के छद्म ‘नारीत्व’ को धिक्कारनेवाला ‘एक शब्द’ भी नहीं मिला है। ख़ुद के अपमान के लिए कथित लोकसभा स्पीकर ‘रमा देवी’ का नारी-अभिमान जग गया है; परन्तु उत्तरप्रदेश के सबसे जघन्य अमानवीय कृत्य सामूहिक बलात्कार, हत्या तथा हत्या कराने के प्रयास में फँसा और पिछले १५ महीने से जेल में बन्द भारतीय जनता पार्टी का विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उसका भाई तथा उसके गुण्डों को धिक्कारने के लिए ज़ुबान सील ली गयी है। ज्ञातव्य है कि दुष्कर्म पीड़िता की सुरक्षा के लिए स्थायी रूप से ९ सुरक्षाकर्मी उसकी सुरक्षा में थे, जिनमें से ६ पीड़िता के घर की देखरेख कर रहे थे और ३ सुरक्षाकर्मी पीड़िता के साथ थे; परन्तु जिस दिन पीड़िता अपने चाचा से मिलने जा रही थी, उस समय उसके साथ एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं था। एक सुरक्षाकर्मी सुरेश कुमार अपनी सफ़ाई में कह रहा है :– उनकी छोटी गाड़ी है। पीड़िता (गम्भीर रूप से घायल) और उसकी चाची (मृतका) ने सुरक्षा लेने से मना कर दिया था। उल्लेखनीय है कि उस ‘ट्रककाण्ड’ से चार दिनों पहले ‘हरपाल सिंह’ नामक एक व्यक्ति पीड़िता के घर गया था और धमकी देकर आया था :– केस वापस लो, वरना तुम्हें और तुम्हारे परिवारवालों को मरवाकर फेंकवा दूँगा। धमकी देनेवाला व्यक्ति हरपाल सिंह वह भी ‘बलात्कार-काण्ड’ में शामिल था।

प्रथम दृष्टि में उक्त नृशंस हत्याकाण्ड एक दुर्दान्त षड़्यन्त्र की ओर संकेत करता है, जिसके प्रमुख कारण हैं :—
० जिस दिन सी०बी०आइ० ने पीड़िता को दिल्ली से बुलवाया था, उस दिन तीनों अंगरक्षक साथ में नहीं थे।
० जिस ट्रक ने कार में ट्रक मारी थी, उस ट्रक के ‘नम्बर प्लेट’ में ग्रीस पोतकर नम्बर मिटाया गया था, केवल ‘A 71’ दिख रहा था। आगे की ओर ‘A 71 AT 8300’ नम्बर धुँधला दिख रहा था।
० प्रत्यक्षदर्शी अर्जुन यादव का कहना है कि गाड़ी विपरीत दिशा से आ रही थी, जो १२०-१३० की स्पीड में थी।
० अतिरिक्त पुलिस निदेशक राजीव कृष्ण बता रहे हैं :– घटना के दिन बारिश हो रही थी। इससे वह घटना एक हादसा लग रही है। अंगरक्षक क्यों साथ में नहीं थी, इसकी जाँच के आदेश दे दिये गये हैं।

० सी० बी० आइ० जाँच कछुए की गति में क्यों चल रही है?

अब, जब वह पीड़िता जीवन-मृत्यु के साथ जूझ रही है, उक्त प्रकरण को भी 'सी० बी० आइ० को सौंप दिया गया है।

(सर्वाधिकार सुरक्षित : डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; ३० जुलाई, २०१९ ईसवी)