विपक्षी दलोँ के ‘भारत बन्द’ मे ‘आन्दोलनकारियोँ’ और ‘पुलिस’ की खुली गुण्डागर्दी!

विपक्षी दलोँ का ‘भारत बन्द’ सफल रहा। सबसे अधिक बिहार प्रभावित रहा, जहाँ आन्दोलनकारियोँ का उग्र प्रदर्शन देखा गया :– व्यावसायिक प्रतिष्ठान बन्द कराये गये; रेलगाड़ियाँ रोकी गयीँ; तोड़फोड़ की गयीँ; सार्वजनिक मार्ग घण्टोँ अवरुद्ध किये गये; प्रतियोगी परीक्षार्थियोँ को संकट का सामना करना पड़ा। आन्दोलनकारियोँ के ये सारे कृत्य ‘भर्त्सना’ के योग्य हैँ। उन सबके विरुद्ध कठोर काररवाई की जानी चाहिए।

● संलग्न चित्र मे अपना चेहरा छिपाकर एक पुलिसकर्मी पटना (बिहार) मे एक महिला आन्दोलनकारी के साथ अभद्र व्यवहार करता हुआ। प्रश्न है, महिला सिपाहियोँ को क्योँ नहीँ तैनात किया गया था?

● पुलिस की ओर से बीभत्स लाठी-चार्ज किया गया।

● आन्दोलन-समाप्ति के बाद सड़क के किनारे चुपचाप खड़े आन्दोलन-समर्थकोँ और सामान्य जन पर पुलिसवालोँ ने लाठियोँ से प्रहार किये हैँ। नीचे दिख रहे सारे चित्र पुलिस-बर्बरता को प्रमाणित कर रहे हैँ।

● पुलिसवालोँ ने एस० डी० एम० का स्वागत लाठी-प्रहार से किया। वे भी घायल हुए हैँ।

आपराधिक कृत्य करनेवाले पुलिसकर्मियोँ की पहचान कर, उनके विरुद्ध कठोर काररवाई की जानी चाहिए।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २१ अगस्त, २०२४ ईसवी।)