गोल्डन कार्ड बनाने के मामले में टॉप पर बिजनौर, हरदोई तीसरे स्थान पर

हरदोई- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत चलाई गई गोल्डन कार्ड जारी करने की मुहिम में प्रदेश के 75 जिलों के बीच प्रतिस्पर्धा हुई। जिसमें बिजनौर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया । हरदोई को तीसरा पायदान हासिल हुआ है। इसके लिए डीएम व सीएमओ को सम्मानित किए जाने की बात कही गई है।

गरीबों के लिए सरकार की ओर से चलाई गई 5 लाख तक के फ्री इलाज की पॉलिसी को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) नाम दिया गया। इसकी शुरूआत गत वर्ष में की गई थी। जिसके चलते आयुष्मान मित्र व अन्य कर्मचारियों को गरीबों की मदद के लिए लगाया गया। इसमें स्वास्थ्यकर्मी पात्रता की श्रेणी में आने वाले गरीब बीमारों को चयनित कर उनको एक कार्ड जारी करते हैं। जिसको गोल्डन कार्ड का नाम दिया गया। इस गोल्डन कार्ड के माध्यम से परिवार के किसी भी सदस्य को मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया होने के निर्देश सरकार से मिले है। हालांकि इस योजना की शुरूआत कुछ धीमी गति से चल रही थी ऐसे में गरीबों को इलाज की आवश्यकता पड़ने पर उनको गोल्डन कार्ड के लिए भटकना पड़ रहा था। गोल्डन कार्ड जारी करने की धीमी गति को लेकर एक प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश के सभी 75 जनपदों को शामिल किया गया। इस प्रतियोगिता की शुरूआत 21 जनवरी से हुई व समापन 31 को हुआ। बताया कि इस बीच जो जनपद सबसे अधिक गोल्डन कार्ड जारी करेगा उसके डीएम व सीएमओ को पुरस्कृत किया जाएगा। इसी कड़ी में बिजनौर जनपद ने 32 हजार 718 कार्ड जारी किए। वहीं बलिया में 16 हजार 642 कार्ड जारी करते हुए दूसरा पायदान हासिल किया। इसके साथ ही हरदोई जनपद में कुल 16 हजार 571 गोल्डन कार्ड ही जारी किए जा सके। ऐसे में महज 71 कार्डों से जनपद दूसरे पायदान पर पहुंचने से पीछे रह गया। इस संबंध मेें सीएमओ डा0 एसके रावत ने बताया कि इसके लिए उनको व जिलाधिकारी को सम्मानित किया जाना है। वही इस मामले में हमीरपुर सबसे फिसड्डी जनपद साबित हुआ है।