दो वर्षों से माइनर की सिल्ट सफाई न होने से किसानों के सामने सिंचाई का संकट

कछौना, हरदोई। ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की फसल की पलेवा व सिंचाई का मुख्य साधन नहरों से निकले रजबहा व माइनर है। जिससे किसानों की आय में इजाफा हो सके, परंतु ग्रामीणों में जागरूकता का अभाव और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा किसानों को झेलना पड़ता है।

कैसे मिटेगा कुपोषण, जब मूलभूत सुविधाओं के अभाव में हैं अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र ?

संडीला रजवाहा ग्राम वीरपुर, घनश्याम नगर, दीन नगर, बिलोनी, भानपुर, बेरुआ आदि ग्रामों की सिंचाई का मुख्य साधन है। यह माइनर कई वर्षों से सफाई नहीं की गई है। जिससे महीने के अंदर झाड़ी उग आई हैं। वही दूसरे अंतिम छोर का किस्सा समतल हो गया है। किसानों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। जिससे किसान निजी संसाधनों से ज्यादा धन खर्च कर सिंचाई करने को मजबूर हैं।

इस माइनर में जगह जगह खाँदी हैं। ग्रामीणों ने इस माइनर की सफाई हेतु सिंचाई विभाग के टोल फ्री नंबर 18001805450 पर शिकायत दर्ज कराई है। एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी के लिए सतत प्रयासरत है। किसानों के खेतों में पानी पहुंचाने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित कर रही है। परंतु विभागीय अनदेखी के चलते सरकार के मंसूबों पर पानी फेर रहे हैं। करोड़ों रुपए की धनराशि का बंदरबांट हो जाता है, जबकि भाजपा सरकार जीरो टारलेन्स की बात कर रही है।

दो वर्षों से माइनर की सिल्ट सफाई न होने से किसानों के सामने सिंचाई का संकट

नाम न छापने की शर्त पर सिंचाई विभाग के कार्यरत ठेकेदारों ने बताया विभागीय अधिकारी 35% कमीशन सुविधा शुल्क के रूप में लेते हैं, ऐसे में जमीनी स्तर पर बेहतर कार्य नहीं हो पाता है। इस माइनर की अभी तक सफाई न होने के विषय में संबंधित अधिकारी ने बताया बजट स्वीकृत न होने के कारण सफाई नहीं हो सकी, क्योंकि सफाई न होने से किसानों में काफी आक्रोश है। विभागीय अधिकारी सरकार की धूमिल करने में लगे हैं।

रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता