संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर आज चर्चा शुरू हुई। राज्यसभा सदस्य के रूप में पहले भाषण में भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रस्ताव पेश कर सभी विपक्षी दलों से वस्तु और सेवाकर-जी एस टी के सुचारू अमल पर सहयोग की अपील की। श्री शाह ने जी एस टी को अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार बताते हुए कहा कि यह देश को विकास के पथ पर आगे ले जायेगा। उन्होंने जी एस टी को गब्बर सिंह टैक्स बताने के लिए कांग्रेस की आलोचना की।
दुनिया में सबसे बडा बिक्री और सेवा कर का अगर कोई सुधार हुआ है तो हिन्दुस्तान का जीएसटी एक प्रति हमारे अर्थतंत्र का जो आकार है उसमें कोई कल्पना ही नहीं कर सकता। इतने सारे राज्य, इतने सारे दल इसमें जीएसटी कभी इंप्लिमेंट हो पाएगा इसकी किसी को भी कल्पना नहीं थी। आज नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ये देश ने एक देश एक कर का स्वप्न साकार कर लिया है। पूरे देश में एक समान्य कर की व्यवस्था हुई है। श्री शाह ने कहा कि सरकार ने स्टार्टअप इंडिया जैसे रोजगार पैदा करने वाले अनेक कदम उठाये हैं।
परिश्रम से पसीना बहाकर हजारों, लाखों, करोडो युवा जो स्वरोजगारी की दिशा में आगे बढ रहे हैं, पकोडा बना रहे हैं। छोटी-छोटी स्वरोजगारी ले रहे हैं उसको आप भिक्षुक के साथ कंपेर करेंगे। किस प्रकार की यह मानसिकता है। सभापति महोदय पकोडा बनाना कोई शर्म की बात नहीं है इसको भिक्षुक के साथ कंपेर करना शर्म की बात है। पचास करोड़ लोगों को पांच लाख रूपये तक का बीमा लाभ प्रदान करने के बारे में बजट में आयुष्मान भारत नाम की योजना के बारे में की गई घोषणा का उल्लेख करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अब तक किसी भी सरकार ने इतने ऊंचे स्तर की योजना शुरू करने का साहस नहीं दिखाया था। इसीलिए लोगों ने इसे ”नमो हेल्थकेयर” का नाम दिया है। जितने भी लोकतंत्र हैं उस सब को लोकतंत्र की योजनाओं को कोई खंगाल कर के देख लें 50 करोड लोगों को बीमा सुरक्षा देना और पांच लाख लोगों को किसी भी सरकार में साहस नहीं है। जो भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की सरकार ने किए हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। इसी के कारण यह आयुष्मान भारत को अब नमो हेल्थ केयर नाम से इस देश की जनता नाम दे रही है।
कांग्रेस ने सरकार पर खोखले वायदों का आरोप लगाया है। चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष के नेता, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने भाजपा के नेतृत्व वाली एन डी ए सरकार पर यू पी ए के कार्यक्रमों को ही नाम बदलकर पेश करने का आरोप लगाया। यह सरकार हर बात पर कहती है कि हमारी सरकार गेम चेंजर। गेम चेंजर नहीं है नेम चेंजर। जितनी भी योजनाएं 1985 या उसके बाद कांग्रेस शासन में, यूपीए शासन में बनी थी उनके नाम बदल दिए हैं। आप तो अभी भी हमारी स्कीमों के ही फीते काटते हैं और उन्हीं का नाम बदल कर मीडिया में 24 घंटे उनको दर्शाते हैं। तीन तलाक विधेयक पर श्री आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी इसके पक्ष में है लेकिन पति को जेल में भेजकर पति और पत्नी के बीच लकीर खींचना उचित नहीं है। चर्चा अभी पूरी नहीं हुई है।