वक़्त का मिज़ाज बहुत गरम है यहाँ

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
(प्रख्यात भाषाविद्-समीक्षक)

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय


किसी की बात पर न जाइए हुज़ूर !
किसी की बात पर न आइए हुज़ूर !
दीगर बात है कोई बात ही नहीं,
भरा हो पेट तो मत खाइए हुज़ूर !
ज़ख़्मों को जवानी की हवा न दीजिए,
बातों में बातों से असर लाइए हुज़ूर !
वक़्त का मिज़ाज बहुत गरम है यहाँ,
बेवक़्त का राग मत गाइए हुज़ूर !
रुपहले परदे पर ज़रा नज़रें जमाइए,
आपको जो चाहिए सब पाइए हुज़ूर !
(सर्वाधिकार सुरक्षित : डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, इलाहाबाद ; ६ अगस्त, २०१८ ईसवी)