मातृभूमि प्राणों से प्यारी

आरती जायसवाल
कथाकार, समीक्षक

मातृभूमि प्राणों से प्यारी,
स्वतंत्रता अपनी अनमोल ।
वीर, आबाल, वृद्ध और नारी
देशभक्त सदा शत्रु पर भारी।
प्राणों की आहुति दे-दे कर ,
अनगिनत चुकाया इसका मोल।
खुशी भरा यह दिवस अनोखा
आओ मिलकर ध्वज फहराएं।
‘राष्ट्र की उन्नति’ ‘अपनी उन्नति’
ऐसा मूलमंत्र अपनाएं।
हम अपना कर्त्तव्य निभाएं
याद कर उनका बलिदान।
‘जल-थल-नभ चहुँ ओर
सुरक्षा करते अपने वीर जवान।
सुख, समृद्धि, विकास के पथ पर
रहे ‘सदा अग्रसर हिन्दुस्तान’।