सीएम योगी आदित्यनाथ की कोविड पर टीम-11 की समीक्षा बैठक

● बैठक में हुई चर्चा के मुख्य बिंदु

कोरोना पर प्रभावी रोकथाम के लिए टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट के मंत्र को आत्मसात कर कार्य किया जाना चाहिए। प्रतिदिन न्यूनतम एक लाख आरटीपीसीआर टेस्ट किए जाएं। सभी सरकारी तथा निजी टेस्टिंग लैब पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। टेस्टिंग में देरी स्वीकार्य नहीं है।

कोविड चिकित्सालयों में चिकित्सा कर्मियों, औषधियों, मेडिकल उपकरणों तथा बैकअप सहित ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता बनाये रखी जाए। लेवल-2 और लेवल-3 के बेड्स बढ़ाए जाएं। किसी प्रकार की जरूरत पर तत्काल शासन को अवगत कराएं, पूरी मदद मिलेगी।

कोविड मरीजों के आवागमन के लिए एम्बुलेंस हर समय उपलब्ध रहें। कोविड और नॉन कोविड मरीजों के लिए अलग-अलग एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम न्यूनतम रखा जाए। सभी सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थानों के एम्बुलेंसों को कोविड मरीजों के उपयोग में लाया जाए।

लखनऊ में तीनों एरा मेडिकल कॉलेज, डीएस मिश्र मेडिकल कॉलेज और इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज सहित बलरामपुर हॉस्पिटल को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में कोरोना के इलाज के लिए समर्पित किया जाए। प्रत्येक कोविड हॉस्पिटल में न्यूनतम 700 बेड की उपलब्धता जरूर रहे। यहां सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। अतिरिक्त मानव संसाधन की व्यवस्था सुनिश्चित हो।

जिन जिलों में प्रतिदिन 100 से अधिक केस मिल रहे हैं, अथवा जहां कुल एक्टिव केस की संख्या 500 से अधिक है, वहां रात्रि नौ बजे से प्रातः 06 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लगाया जाए। कंटेन्मेंट जोन की व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाए।

कोविड टीकाकरण का कार्य प्रदेश में तेजी से चल रहा है। प्रदेश में अब तक 85 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका है। चार दिवसीय ‘टीका उत्सव’ आज से प्रारंभ हुआ है। 6000 केंद्रों पर टीकाकरण का कार्य जारी है। महात्मा ज्योतिबा फुले को जयंती से बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती तक आयोजित इस महत्वपूर्ण अभियान में सभी की सहभागिता आवश्यक है। अधिकाधिक लोगों टीका से आच्छादित हों, इसके लिए लोगों को सतत जागरूक किया जाए।

नगर विकास और ग्राम्य विकास विभाग द्वारा विशेष स्वच्छता अभियान संचालित किया जाए। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सैनिटाइजेशन, स्वच्छता आदि का विशेष महत्व है।

सभी विभागों के कार्मिकों को आवश्यकतानुसार कोविड प्रबंधन के कार्य से जोड़ें। अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए भी स्वीकृति दी गई है। एनएसएस, एनसीसी तथा सिविल डिफेंस की सेवाएं ली जानी चाहिए।

सभी जनपदों में पीपीई किट, पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थरमामीटर, सैनिटाइजर, एंटीजन किट सहित सभी आवश्यक लॉजिस्टिक की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। किसी भी जनपद से लॉजिस्टिक के अभाव की शिकायत नहीं आनी चाहिए। जरूरत हो तो तत्काल शासन को अवगत कराएं, पूरी मदद मिलेगी।

प्रदेश में कक्षा 01 से 12वीं तक के सभी सरकारी/गैर सरकारी विद्यालयों में 30 अप्रैल तक पठन-पाठन स्थगित रखा जाए। कोचिंग सेंटर भी बंद रहें। इस अवधि में पूर्व निर्धारित परीक्षाएं हो सकती हैं। आवश्यकता के अनुरूप शिक्षक व अन्य स्टाफ की उपस्थिति हो सकती है।

सभी कार्यालयों/औद्योगिक इकाइयों में कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। कोविड हेल्प डेस्क सक्रिय रहें। मतदान कर्मियों, पुलिस कर्मियों और चिकित्सा कर्मियों की सुविधा और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए।मास्क और सैनिटाइजेशन के प्रति लोगों को सतत जागरूक किया जाए।

निगरानी समितियों और इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की उपयोगिता बढ़ाई जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का अधिकाधिक प्रयोग किया जाए। मास्क न लगाने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।

प्रदेश में एचएफएनसी और वेंटिलेटर की पर्याप्त उपलब्धता है। बदलती परिस्थितियों की लगातार समीक्षा करते हुए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त प्रबंध किए जाएं।

आने वाले दिन हमारे लिए चुनौतीपूर्ण होंगे। हमें इसका सफलतापूर्वक सामना करना है। कोविड-19 के खिलाफ जारी इस पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश के सभी जिलों ने कोविड प्रबंधन का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया था, इस बार भी हम टीम वर्क से इस लड़ाई को जरूर जीतेंगे।

निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्था सुदृढ़ की जाए। भूसा बैंकों में भूसे की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। गोवंश के चारे की कोई कमी न रहे। आमजन से भी सहयोग प्राप्त करें।