आरक्षण और पदोन्नति-आरक्षण का औचित्य?
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय राष्ट्र की अवधारणा के अन्तर्गत सभी जन एक कहलाते हैं; न अलगाव; बिलगाव तथा न लगाव। यही ‘तटस्थता का सिद्धान्त’ भी है। यह एक ऐसा राष्ट्रधर्म है, जो ‘पृथक्कता’ के […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय राष्ट्र की अवधारणा के अन्तर्गत सभी जन एक कहलाते हैं; न अलगाव; बिलगाव तथा न लगाव। यही ‘तटस्थता का सिद्धान्त’ भी है। यह एक ऐसा राष्ट्रधर्म है, जो ‘पृथक्कता’ के […]
केन्द्र को बड़ी राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने कानून के अनुसार अनुसूचित जाति और जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने की अनुमति दे दी है। न्यायालय ने इस विषय पर केन्द्र की […]