आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

कल (९ जनवरी) रविवार रहेगा और आप कल के ‘दैनिक जागरण’, ‘नव दुनिया’ तथा ‘नई दुनिया’ के रविवासरीय ‘झंकार’ परिशिष्ट मे ‘हिंदी हैं हम’ के अन्तर्गत ‘भाषा की पाठशाला’ मे यह अध्ययन करेंगे कि ‘देवियों और सज्जनों!’; ‘शुभरात्रि’, ‘सुप्रभात’; ‘प्रणाम गुरु जी’, ‘नमस्कार महोदय’ अशुद्ध प्रयोग हैं। इनके अतिरिक्त ‘हैं, हों, नहीं, यहां-यहीं’ आदिक शब्द-प्रयोग अशुद्ध हैं, इनका भी बोध करेंगे। आप यह भी अध्ययन करेंगे कि उपविरामचिह्न/अपूर्ण विरामचिह्न किसे कहते हैं और उसका व्यवहार-स्तर पर अर्थ और अभिप्राय क्या है।

तो आइए! ‘कल’ की प्रतीक्षा करते हैं।