देश को महागर्त में ले जाते नरेन्द्र मोदी!

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
(प्रख्यात भाषाविद्-समीक्षक)

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय


नरेन्द्र मोदी ने सत्तासीन होने से पूर्व लोकसभा-चुनाव में गर्जना करते हुए कहा था : संसद् को अपराधी सांसदों से हम मुक्त करेंगे।
यथार्थ :
आज देश की संसद् में आपराधिक छविवाले आरोपित-दोषी सांसदों में से सर्वाधिक आपराधिक सांसद भारतीय जनता पार्टी में हैं।
सत्ता के शीर्ष पर पहुँचे हुए नरेन्द्र मोदी ने स्वयं की वचनबद्धता की हत्या कैसे कर डाली है?
0 उज्ज्वला योजना का लाभ मैंने सभी को दिया है।
यथार्थ :
मोदी! गाँवों में जाकर देखो। देश के अधिकतर गाँव इस योजना से वंचित रखे गये हैं।
0 स्वच्छता योजना के अन्तर्गत काम करनेवालों को सरकार सहायता देगी।
यथार्थ :
देश की संस्थाओं के लोग सरकारी रुपये ले ले रहे हैं और आठ-दस जगह ‘स्वच्छता’ विषयक नारे टाँग कर अपने कर्त्तव्य की इतिश्री कर ले रहे हैं।
0 शौचालय-योजना का लाभ गाँव-गाँव को दिया जा चुका है।
यथार्थ : अधिकतर गाँवों को शौचालय-योजना का क्रियान्वयन् मुँह चिढ़ा रहा है।
मोदी को अपने गाँवों और ग्रामीणों की चिन्ता रहती तो विदेश नहीं घूमता।
0 पिछड़े क्षेत्रों में आदिवासी इलाकों में मेरी सरकार ने डिजिटलाइजेशन कर दिया है, जिसका लाभ वहाँ के लोगों को मिल रहा है।
यथार्थ :
नरेन्द्र मोदी के उद्घाटन के बाद से वहाँ सिर्फ़ भवन दिख रहे हैं, कहीं कोई डिजिटल तकनीक का अता-पता नहीं। उसके बाद से मोदी उन क्षेत्रों में पुन: क्यों नहीं गये?
0 देश के बेरोज़गारों के लिए मेरी सरकार आने पर २ करोड़ युवाओं को रोज़गार देगी।
यथार्थ :
देश के बेरोज़गार युवकों के भविष्य को नरेन्द्र मोदी खा गया है।
0 किसानों की ऋणमुक्ति मैं राज्यों में जाकर कराऊँगा।
यथार्थ :
अधिकतर खाये-पिये-अघाये छद्म किसानों को ऋण से मुक्त किया गया। प्रत्येक आधे घण्टे में देश का किसान आत्महत्या करने के लिए विवश है।
0 नारी का खोया सम्मान मेरी सरकार लौटायेगी।
यथार्थ :
प्रतिदिन, विशेषत: भारतीय जनता पार्टी और गठबन्धनवाले राज्यों में मासूम बेटियों के साथ बलपूर्वक अपहरण, शारीरिक दुष्कर्म तथा हत्याएँ की जा रही हैं और संवेदनहीन प्रधान मन्त्री देशवासियों के रुपयों का दुरुपयोग करते हुए विदेशों में घूम रहा है।
धिक्कार! धिक्कार! धिक्कार!
(सर्वाधिकार सुरक्षित : डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय; १६ अप्रैल, २०१८ ई०)