शिवांकित तिवारी ‘शिवा’ (युवा कवि एवं लेखक)–
कुछ ऐसी चीजें रोज़ करें
चलों खुद की हम ख़ुद खोज करें,
बचना है इनसे सबको अब,
अफ़वाहों से, उन राहों से
जो करती है गुमराह हमें ।
अब सुनों तुम्हें क्या करना हैं,
इक्कीस दिन अंदर रहना है,
तुम जहां भी हो,
जिस हाल में हो,
तुम अभी वहीं फ़िलहाल रहो ।
ख़ुद से बातें करना सीखो,
ख़ामोशी से मिलना सीखों,
ख़ुद की चीख़ों पर गौर करो,
तुम अलग चलो कुछ और करो ।
मंदिर, मस्ज़िद और गुरूद्वारे,
मत जाओ कहीं अभी तुम प्यारे,
घर पर रह प्रभु का ध्यान करो,
कुछ खोज नया निर्माण करो ।
थोड़े दिन की मुश्किल है ये,
बस मिल जाये मुश्किल का हल,
इस देश से संकट टल जाये,
फ़िर जाना बाहर सभी निकल,
तब तक के लिये एक काम करो,
अंदर रहकर विश्राम करो ।
सतर्क रहो सावधान रहो और
अपने काम से काम रखो,
बस ध्यान से अपना ध्यान रखो ।