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विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति की यह हड़ताल बिल्कुल अनुचित : हाईकोर्ट

विद्युत कर्मियों के एक संगठन विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन एवं हड़ताल का इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। दिनांक 17 मार्च 2023 को पारित आदेश में माननीय उच्च न्यायालय ने कहा है कि विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति की यह हड़ताल बिल्कुल अनुचित है, जनहित के विरुद्ध है और जनता को परेशान करने वाला है।

उच्च न्यायालय ने पूरे प्रदेश को परेशान करने वाले एवं जनहित के विरुद्ध इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की है। उच्च न्यायालय का यह आदेश उनके 6 दिसंबर 2022 के दिए गए आदेश से जुड़ा हुआ है, जिसमें उच्च न्यायालय ने कहा था कि विद्युत आपूर्ति एक आवश्यक सेवा है और उसमें बाधा डालना स्वीकार नहीं है। उच्च न्यायालय ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि संघर्ष समिति द्वारा चलाई जा रही हड़ताल, उनके पूर्व के आदेश की अवहेलना है। मामले को लेकर कोर्ट के आदेश की अवमानना की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है। साथ ही न्यायालय ने कर्मचारी संघर्ष समिति के नेताओं के विरुद्ध वारंट जारी करते हुए उन्हें 20 मार्च 2023 को स्वयं के समक्ष हाजिर होने को आदेशित किया है। उच्च न्यायालय के आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार बिजली जैसी आवश्यक सेवा को सुनिश्चित करने के लिए न्यायालय के 6 दिसंबर 2022 के आदेश के दृष्टिगत दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों के विरुद्ध भी उपयुक्त दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए आदेशित किया है।