सौगंद अकबरियन : सीमा पार का एक कामयाब चेहरा

अंजली तिवारी

कहते है कामयाबी की कोई सीमा नही होती और न ही कामयाबी के लिए कोई लक्ष्मण रेखा ही बनी है । ये तो बस एक खुश्बू की तरह पूरे विश्व में फैल जाती है और अपना असर देर तक छोड़ती है ।

हमारा यह हीरोज इग्नोटम एक ऐसा मंच है जिसपर ऐसे ही प्रतिभाशाली और कामयाब लोगो के संघर्ष की कहानी को आप सब तक पहुंचाते है । इस मंच के संस्थापक शार्दुल भट्ट जी है ।

आज हम एक ऐसे ही सफल महिला की बात करेंगे जो  इरान की सर्वश्रेष्ठ लेखिका है, जिन्हे हम ‘सौगंद अकबरियन’ के नाम से  जानते  है ।

व्यक्तित्व और इनके कार्य :–  सौगंद अकबरियन जी बहुत अच्छी इरानी लेखिका और सर्वश्रेष्ठ अनुवादकर्त्ता है जिन्होंने भारत और इरान के साहित्य का फारसी में अनुवाद किया है ।       

सौगंद अकबरियन जी भारत कई बार आ चुकी है ,विशेषकर दिल्ली आना उनका कई बार हो गया है और वो अपनी इस किताब ‘सौगंदिल्ली’ में इन्होंने यात्रावृतांत को लिखने का निश्चय किया, उन्होंने भाषाओ के अंतर को मिटाकर उन्होंने इसे लिखने के लिए अंग्रेजी भाषा का चयन किया । इनकी इस पुस्तक सौगंदिल्ली ने इन्हे एक सर्वश्रेष्ठ लेखक के तौर पर उभारा है ।

सौगंद जी न सिर्फ लेखिका बल्कि इसके साथ-साथ एक अच्छी शोधकर्ता और अनुवादक रही है। इनके कई सारे लेख/रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं। इनके कुछ ‘आर्टिकल्स ‘भारत और इरान के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनो में प्रकाशित हो चुके है । सौगंद जी TEDx की काफी अच्छी प्रवक्ता भी रही है । सौगंद जी फिलहाल ईरान में ही हैं और उन्होंने ने अभी अंग्रेज़ी मे मास्टर किया है । अतः हम कह  सकते है कि सौगंद अकबरियन जी मेहनती और प्रतिभाशाली है ।

अब आगे बढ़ाते हुए बात करते है उनकी एक नयी और महत्तवपूर्ण पुस्तक जिसका नाम है सौगन्दिल्ली  (souganDilli)।  सौगंद अकबरियन द्वारा लिखी गई यह किताब  (रोमांच+यात्रावृतांत)  शैली पर आधारित है । इसके मुख्य दो पात्र है “सौगंद और देवराज” ये कहानी दिल्ली से संबंधित है ।

लेकिन क्या आप लोग ने कभी सोचा है कि इन्होंने इस पुस्तक का नाम souganDilli  मे D अंग्रेज़ी के बड़े अक्षर मे क्यों लिखा है ? वैसे अंदाजा तो बहुत कुछ लगाया जा सकता है लेकिन फिर भी यह रहस्य ही बना है । इस पुस्तक के बारे में इन्होंने कहा कि एक छोटी सी घटना ही काफी है किसी की जिंदगी बदलने के लिए, इसमें भी ऐसी ही घटना का जिक्र है जब वह पहली बार दिल्ली आयी थी ।

यह किताब इंडो-इरानियन कहानी है जिसमें सौगंद और देवराज की प्रेमकथा है । इस पुस्तक souganDilii  मे D अंग्रेज़ी के बड़े अक्षर मे लिखा गया है, इसकी एक वजह है कि दोनों के नाम मे D सामान्य है, जैसे souganD का अंतिम D और Devraj का पहला D, इसलिए D   को बड़े अक्षर मे लिखा गया है ।

इसके अलावा और काफी सारे मतलब भी है इस किताब  मे जैसे :-
D – Delhi
D – Duniya
D – Dili
D – Dil
D – Dard
SouganD – इसका D आखिरी है
Devraj  – यह D से शुरू  है और
Devraj’s – Deewani, D से ही होता है ।

सौगन्दिल्ली का संक्षिप्त भाग

जिंदगी एक आदत है
किसी के होने की आदत
कभी कुछ न होना और किसी को खोने की आदत
अपने साथ एक जख्म का रखना ।
एक ऐसा जख्म जो कोई और ना देख सके,
और एक अंतःमन का जख़्म ।

वक्त के साथ ये जख्म भी पुराने हो जाते है वो जख्म जो दिल टूटने का था ।

अतः हम कह सकते है कि यह पुस्तक बहुत ही दिलचस्प है और हमे यकीन है आप सभी को यह बहुत पसंद आयेगी ।

अंत में हम उनको इस पुस्तक के लिए बहुत सारी बधाईयां देते है और इनकी तरक्की की कामना करते  है । अगर आपको इनके बारे में जानना हो या इनसे सम्पर्क करना हो तो आप सोशल मीडिया के माध्यम से कर सकते है ।

हीरोज़ इग्नोटम के साथ सौगन्द अकबरिआन जी जल्दी ही उनके साथ आएंगी उनके दूसरे एडिशन में और वो हीरोज़ इग्नोटम के साथ हैं।