मनरेगा से मिले काम से खुश है प्रवासी मजदूर

बदायूँ: कोरोना संक्रमण के इस दौर में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने-अपने घरों को वापस लौट रहे हैं, ऐसे में उनको आजीविका चलाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। शासन की मंशा के अनुरूप मनरेगा योजना अन्र्तगत परदेस से लौटे स्थानीय श्रमिको को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है, जिससे उनके और उनके परिवार के चेहरों पर खुशी छलक रही है। घर से निकट काम मिलने से मजदूर व उनका परिवार प्रसन्न है। जिले में 920 ग्राम पंचायतों में 51838 मजदूरों द्वारा 567 तालाबों का कार्य किया जा रहा है।

बुधवार को जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त ने उझानी के गांव बुटला ख्ंाजन में मनरेगा के अन्र्तगत 52 मजदूरों द्वारा तालाब खुदाई का कार्य एवं बुटला दौलत में 87 मजदूरों द्वारा भैसोर नदी में कराए जा रहे कार्य का निरीक्षण किया। डीएम ने निर्देश दिए कि ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को लगाकर कार्य में तेजी लाई जाए। डीएम ने मजदूरों से जाना कि उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी तो नहीं है, सभी श्रमिक खुश हैं, तो श्रमिकों ने अवगत कराया कि अपने घर के निकट काम मिलने से उनको रोजगार मिला है। उन्हें डर था कि परदेस से लौट कर उन्हें काम मिलेगा भी या नहीं। मनरेगा से काम मिलने पर वह और उनका परिवार खुश है। डीएम ने कहा कि सभी मजदूर मास्क लगाकर एवं दूरी बनाकर कार्य करें। कोरोना को कतई हल्के में न लें। जरा सी लापरवाही जीवन के लिए घातक बन सकती है। अपना और अपने परिवार के लिए बताए गए नियमों का पूर्णतया पालन करें। फिजीकल डिस्टेंस का पालन खुद भी करें और दूसरों को भी कराएं, तभी इस महामारी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को रोकने के लिए फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही प्रभावी उपाय है। खांसते, छींकते समय मुंह को रूमाल व टिश्यू से ढकें। हाथों को समय-समय पर साबुन से धोते रहे या सेनीटाइजर से साफ करें। मुंह ढकने के लिए मास्क, गमछा, तौलिया, दुपट्टा या रुमाल का प्रयोग करें, बुर्जुगों एवं बच्चों का विशेष ध्यान रखे।