हिन्दी साहित्य सम्मेलन का अभी और उत्कर्ष होना है– विभूति मिश्र

गुजरात मे त्रिदिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न हुआ

गुजरात मे त्रिदिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न हुआ


‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ एवं ‘सरदार पटेल विश्वविद्यालय’, आणन्द (गुजरात) के संयुक्त तत्त्वावधान मे आयोजित त्रिदिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन गत दिवस सम्पन्न हो गया।

अधिवेशन के अन्तिम दिन ‘खुला अधिवेशन’ के अन्तर्गत सम्मेलन-प्रधानमन्त्री कुन्तक मिश्र ने अतिथियोँ का स्वागत किया। उदार हृदयी कुलगुरु प्रो० निरंजनभाई ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन के साथ-साथ चलने की इच्छा व्यक्त की तथा सहयोगी की भूमिका-निर्वहण करने की वचनबद्धता प्रकट की। निरंजनभाई पटेल, डॉ० विजयदत्त श्रीधर तथा प्रो० राजेन्द्र मिश्र को सम्मेलन की सर्वोच्च उपाधि ‘साहित्यवाचस्पति’ से सम्मानित किया गया। प्रो० दिलीप मेहरा को साहित्यमहोपाध्याय तथा अन्य हिन्दीसेवियोँ को सम्मेलन सम्मान प्रदान किया गया। इसी अवसर पर हिन्दी के उत्थान के लिए प्रतिवर्ष की भाँति कई प्रस्ताव पारित किये गये।

इसी अवसर पर सम्मेलन-संरक्षक विभूति मिश्र ने बताया, “हमारा यह अधिवेशन आप समस्त हिन्दीसेवियोँ के सहयोग से उच्च शिखर पर पहुँचा है। हम अपने प्रयत्न से इसमे अन्य आयाम को जोड़ेँगे, जिससे कि सम्मेलन अपनी सार्थकता सिद्ध कर सके।

सम्मेलन-सभापति प्रो० सूर्यप्रसाद द्विवेदी ने कहा, “इस अधिवेशन को अत्यन्त गौरवपूर्ण ढंग से समापन कराने का श्रेय विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो० निरंजनभाई पटेल और उनके सहयोगियोँ को जाता है।”

अधिवेशनसभापति अभिराज राजेन्द्रकुमार मिश्र ने विविध विषयोँ पर दीर्घ अवधि तक एकसाथ बोलकर और लम्बी कविता सुनाते हुए, अपनी बृहद् विद्वत्ता का परिचय दिया था। उक्त अधिवेशन का संचालन श्यामकृष्ण पाण्डेय ने किया। सम्मेलन-प्रचारमन्त्री शचीन्द्र मिश्र ने कृतज्ञता-ज्ञापन किया।

इस समूचे आयोजन मे कुलदीप कुमार, डॉ० वसंत पटेल, विमल चौधरी, डॉ० पंकजमोहन सहाय (गुजरात), रमानिवास पाण्डेय, नरेन्द्रदेव पाण्डेय, आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, स्नेहलता मिश्र, डॉ० किरणबाला पाण्डेय, किण्ठमणि प्रसाद मिश्र, दुर्गानन्द शर्मा, शेषनारायण पाण्डेय, कृष्णकुमार पाण्डेय, डॉ० हरिनारायण दुबे, चन्द्रप्रकाश पाण्डेय, डी० के० सिँह, पवित्र तिवारी, रामगोपाल (प्रयागराज), डॉ० मंगला अनुज (भोपाल), डॉ० कल्पना गवली, संगीता चौधरी, अक्षयकुमार बाघ, जयकिशोर साहू, वीरेन्द्र विजय साहू (ओड़िशा), ख़ुशीराम शर्मा (आगरा) इत्यादिक देश के कई राज्योँ से आये हिन्दीसेवियोँ की सहभागिता रही। अन्त मे, समवेत राष्ट्रगान के साथ त्रिदिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न हो गया।