

सुधीर अवस्थी ‘परदेशी’ (पत्रकार, बघौली, हरदोई)
ऊँश्री गुरूवे नमः
गुरू सर्वोपरि
15 अगस्त 2018 स्वतन्त्रता दिवस अमर रहे ! राष्ट्रीय पर्व के अवसर मौलिक मनभावों के पुष्प आदर श्रद्धा से सादर समर्पित हैं।
(1)
देश की स्वतन्त्रता का जश्न मनाओ।
वीरों की याद में अपना फर्ज निभाओ।।
देश हित ही कर्म-धर्म मान लो भाई।
पले-बढ़े यहां तो भैया मान लो माई।।
देश के खिलाफ शब्द सुन नहीं सकते।
इस बात में समझौता हम कर नहीं सकते।।
(2)
योगी, साधू-सन्त जन, परिवार क्या जानें।
कितने लटके-झटके हैं, रैबार क्या जानें।।
आएं घर तो इनको बस सम्मान चाहिए।
दक्षिणा के संग कई पकवान चाहिए।।
ऐसा न करे कोई तो नाराज हों जाते।
उल्टा-सीधा बोलकर, वापस नहीं आते।।
(3)
यूपी के सीएम योगी ने करतब दिखा दिया।
बख्शा न किसी को कहीं, मिट्टी मिला दिया।।
नेता-विधायक-मन्त्री सब फेल तन्त्र है।
सुनता नहीं कोई किसी को मनगढ़न्त है।।
बेलगाम हो पुलिस पैसा कमा रही।
वोटरों पर तेरे वह रूतबा जमा रही।
(4)
सवर्णों देश खाली करो, तुम दबंग हो।
पैसा बहुत है पास में, तुम मन मतंग हो।।
जुर्म किया तुमने तो, बर्दाश्त ना होगा।
भूखों मरो चाहें सभी, सहयोग ना होगा।।
देश का कानून योजना खिलाफ है।
कमजोर मरे अब यही दिल्ली का श्राप है।।
(5)
चुनाव आने वाला है होशियार हो जाओ।
नेताजी दर पर आएगें, तैयार हो जाओ।।
आप-बीती सीधे-सीधे, उनको बताना।
बीते हुए हालात उनको याद करवाना।।
देना जवाब ऐसा फिर वह लौट न आएं।
अपने मुखिया तक तेरा संदेश पहुचाएं।।