आओ हम स्कूल चले
नव भारत का निर्माण करें।
छूट गया है जो
बंधन भव का
आओ मिलकर उसको
पार करें,
आओ हम स्कूल चले॥
जाकर स्कूल हम
गुरुओं का मान करें
बड़े बूढ़ों का कभी न
हम अपमान करें,
आओ हम स्कूल चले॥
जाकर स्कूल हम
दिल लगाकर पढ़ेंगे
मौज मस्ती और खेलकूद भी
खूब करेंगे,
आओ हम स्कूल चले॥
क ख ग का गान कर
हम हिंदी का मान बढ़ाएंगे।
एक दो तीन चार पढ़ कर
गणित का ज्ञान भी करेंगे।
आओ हम स्कूल चले॥
डॉ० राजीव डोगरा
कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश (युवा कवि लेखक)
पता- गांव जनयानकड़
पिन कोड- 176038