सई नदी की करुण कथा : पौराणिक और ऐतिहासिक नदी मर रही है

प्रकाशक आलोक चतुर्वेदी का निधन

साहित्य संगम, प्रयागराज के प्रकाशक ६० वर्षीय आलोक चतुर्वेदी का १० अक्तूबर को निधन हो गया। वे लीवर-रोग की समस्या से जूझ रहे थे। उन्हें उनके स्वजन दिल्ली उपचार के लिए ले गये थे, जहाँ चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिये। अन्त मे, उनके घर के लोग उन्हें प्रयागराज-स्थित घर लूकरगंज ले आने के लिए प्रस्थान कर चुके थे; परन्तु मार्ग मे ही उनका निधन हो गया। ११ अक्तूबर को रसूलाबाद के श्मशानघाट पर उनकी अन्त्येष्टि-क्रिया की गयी। आलोक चतुर्वेदी के बड़े भाई अरविन्द चतुर्वेदी ने उन्हें मुखाग्नि दी थी। इस अवसर पर बड़ी संख्या मे लेखक-प्रकाशक उपस्थित थे।

आलोक चतुर्वेदी की स्मृति मे ‘सर्जनपीठ’ की ओर से एक शोकसभा का आयोजन किया गया। आलोक चतुर्वेदी के प्रकाशन से प्रकाशित ‘ख़ामोश चावल’, ‘अस्तित्व की तलाश मे’, ‘जनसंचार : दृश्य-परिदृ्श्य’, ‘भारतीय चिन्तक तथा कई बालसाहित्य के लेखक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने कहा,”आलोक जी एक परिश्रमी और मिलनसार प्रकाशक थे। वे समय के साथ प्रकाशन-नीति क्रियान्वयन् करने मे दक्ष थे।” डॉ० प्रदीप चित्रांशी ने बताया, “आलोक जी हमारे साहित्यिक आयोजन मे बराबर शामिल होते थे।”

उल्लेखनीय है कि आलोक चतुर्वेदी कई वर्षों से ‘साहित्य संगम’ नामक पत्रिका का सम्पादन-प्रकाशन कर रहे थे।