लो चलें स्कूल…

कवि राजेश पुरोहित (शिक्षक एवम साहित्यकार)
98,पुरोहित कुटी, श्रीराम कॉलोनी
भवानीमंडी, जिला झालावाड़, राजस्थान

    परीक्षाएं समाप्त होते ही। लो अब रिजल्ट भी आ गया। अब कावेरी को बच्चों को स्कूल की चिंता सताने लगी। कहाँ रखे बच्चों को पढ़ने के लिए। घर से सभी प्राइवेट स्कूल काफी दूर है। पास में ही एक सरकारी स्कूल है। इस स्कूल में कक्षा एक से बारह तक के बच्चे पढ़ते हैं।
   कावेरी सरकारी स्कूल में अपने नोनिहलों को दाखिला कराने की मन ही मन सोचने लगी। कावेरी के पति का देहांत हुए दो वर्ष हो गए थे। उसके एक लड़का राहुल व लड़की गीता थे।
   वह पति की मौत के बाद उनका सारा खर्च खाने पीने कपडे,स्कूल की किताबें,कॉपियां लाना सभी मेहनत मजदूरी कर चलाती थी। अब उससे ज्यादा काम नहीं होता। उसको सांस की बीमारी भी हो गई थी।
   मुहल्ले के सभी लड़के लड़कियां प्राइवेट स्कूल में ही पढ़ने जाते हैं। कावेरी ने दोनों बच्चों से डरते डरते पूछा। बच्चों हम तुम्हे अब पास ही के सरकारी स्कूल में भर्ती कराने ले चलेंगे । क्या तुम तैयार हो? बच्चे त्योरियां चढ़ा कर बोले सत्कारी.. नहीं माँ हम घर पर ही रह लेंगे पर सरकारी स्कूल में नहीं जाएंगे।
कावेरी बोली बेटे कमाई कौन करेगा? तुम्हारे बापू तो नहीं है। और मुझसे अब ज्यादा काम नहीं होता। समझ गए न। अब अच्छे बच्चों की तरह सुबह तैयार हो जाना। सुबह सरकारी स्कूल चलेंगे। बच्चे बोले नहीं माँ। पड़ोस के सब बच्चे प्राइवेट में जाते हैं। वो सब हमारी हिंदी करेंगे। हमे चिढाएंगे। कावेरी बोली नहीं नहीं तुम्हें कोई नहीं चिढ़ाएगा।
  अगले दिन कावेरी सरकारी स्कूल दोनों को लेकर गई। गुरुजी ने उसे पूरा स्कूल बताया। ये कम्प्यूटर कक्ष है,यह पुस्तकालय है। ये किचन है,ये किचन गार्डन है। ये प्ले ग्राउंड है,ये बच्चों के भोजन करने का कक्ष है,ये ठंडा पानी,शुद्ध पेयजल के नल लगे हैं,ये प्रतिदिन का मीनू है,यहां भोजन रोज अलग अलग दिया जाता है। फिर गुरुजी ने कावेरी को समझाया हमारे सरकारी स्कूल में निःशुल्क साइकिल मिलती है। छात्रवृति मिलती है।
रोज बच्चे प्रार्थना में योग,प्राणायाम का अभ्यास करते हैं। बड़ी रोचक गतिविधियां होती है यहां। विषय विशेषज्ञों द्वारा बच्चों को सभी विषयों में पारंगत किया जाता है।
    कावेरी तुम्हे दोनों के लिए कुछ नहीं खरीदना है। गरीब बच्चों की सहायता के लिए भामाशाहों से निशुल्क गणवेश,जूते मोजो की व्यवस्था करवा दी जाती है। किताबें निशुल्क मिलती है। दानदाताओं से कॉपियां आदि भी इन्हें मिल जाएगी।
   गुरुजी बोले अब सरकारी स्कूलों की पढ़ाई प्राइवेट से अच्छी होने लगीं है। तुम हर सप्ताह यहां आकर बच्चों की पढ़ाई,स्वास्थ्य के बारे में पूछना। यहां वजन,लंबाई आदि के साथ ही गंभीर रोगों की जांच व इलाज भी मुफ्त किया जाता है। सरकारी डॉक्टरों की टीम स्वास्थ्य परीक्षण करती है। बिल्कुल चिंता न करें।
यहाँ बालक का सर्वांगीण विकास होता है।
     गुरुजी बोले अच्छे अंक सर उत्तीर्ण होने पर सरकार टेबलेट, लेपटॉप देती है। लड़कियों को गार्गी पुरस्कार देती है। पालनहार योजना में रुपया सीधे खाते में जमा हो जाते है।
   कावेरी मन ही मन पछताई। और उसने दोनों बालक बालिकाओं को सरकारी स्कूल में भर्ती करा दिया।