तेरे चेहरे से नज़र नहीं हटती (बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध अभिनेता :- ऋषि कपूर)

सिने जगत के सुप्रसिद्ध भारतीय फिल्म अभिनेता, फ़िल्म निर्माता निर्देशक ऋषि कपूर के जीवन का सफरनामा हम प्रस्तुत करते हैं।

चाँदनी वो मेरी चाँदनी मेरी उमर के नोजवानो तेरे चेहरे से नज़र नही हटती तूने बैचेन इतना ज्यादा किया जैसे हिट गीतों की फिल्में बनाई थी ऋषि कपूर जी ने। आज चाहे ऋषि जी हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनके ये गीत जन्म जन्म तक याद रहेंगे। ऋषि कपूर साहब अमर हो गए उनकी बेहतर फिल्में प्रेम रोग चाँदनी कर्ज़ घराना थी।

ऋषि कपूर का जन्म पंजाब के के कपूर परिवार में मुम्बई के चेम्बूर में वह विख्यात फ़िल्म निर्देशक,अभिनेता राज कपूर के बेटे थे। और पृथ्वीराज कपूर के पोते थे।

उन्होंने कैम्पियन स्कूल मुम्बई और मेयो कॉलेज अजमेर में अपने भाइयों के साथ अपनी स्कूली शिक्षा की। उनके भाई रणधीर कपूर और राजीव कपूर मामा प्रेमनाथ और राजेन्द्र नाथ और चाचा शशि कपूर और शम्मी कपूर सभी अभिनेता है। उनकी दो बहिने ऋतु नंदा, और रीमा जैन है। 37 सदस्यों वाल पृथ्वीराज कपूर वालेे परिवार में सबके लाडले रहे ऋषि कपूर साहब । परिवार में उनकी बेबाकी और जिन्दादिली याद की जाती है।

मुम्बई के एक अस्पताल में गुरुवार 30 अप्रेल 2020 को बॉलीवुड के कद्दावर एक्टर ऋषि कपूर जी ने दम तोड़ दिया। फ़िल्म इंडस्ट्री में शोक का माहौल हो गया। सारा देश शोक में डूब गया। फ़िल्म जगत से ऋषि कपूर साहब का बहुत पुराना नाता रहा है। उन्हें अभिनय विरासत में मिला। कपूर खानदान में सबसे पहले पृथ्वीराज कपूर ने साल 1929 में सिनेमा जगत में कदम रखा था। और ऋषि कपूर ने सबसे पहले अपने पिता राज कपूर की फिल्मों श्री 420 और मेरा नाम जोकर में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया था। आइये उनके परिवार के बारे में बताते हैं।

ऋषि कपूर राज कपूर के बेटे थे। और पृथ्वीराज कपूर उनके दादा थे। परम्परा के अनुसार ऋषि अपने दादा व पिता के नक्शे कदम आगे बढ़े। फिल्मों में अभिनय किया। बतौर मुख्य फ़िल्म अभिनेता उनकी पहली फ़िल्म बॉबी थी। जिसमे उनके साथ डिम्पल कपाड़िया थी।

ऋषि कपूर की शादी नीतू सिंह के साथ 22 जनवरी 1980 को हुई थी। ऋषि कपुर के रणबीर कपूर और रिदिमा कपूर दो संताने हुई। रणबीर फ़िल्म अभिनेता है। रिदिमा ड्रेस डिजाइनर है। करिश्मा कपूर व करीना कपूर इनकी भतीजियां हैं।

1973 से 2000 तक ऋषि कपूर साहब ने 92 रोमांटिक फिल्में बनाई। ऋषि कपूर की प्रेम रोग, कुली, जमाना, सितमगर, एक चादर मैली सी, ये इश्क नहीं आसां, नसीब अपना अपना, बड़े दिल वाला, चला मुरारी हीरो बनने, यादों की बारात, मेरा नाम जोकर, लैला मजनू, रफू चक्कर, कभी कभी, राजा, बारूद, मुल्क, बेवकूफियां, बेशर्म, सनम रे, कपूर एन्ड सन्स, वेडिंग पुलाव ।

ऋषि कपूर के निधन के बाद बॉलीवुड में शोक की लहर है और फैन्स मायूस है। वे अपने पसंदीदा अभिनेता के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाएंगे।

वर्ष 2018 में ऋषि कपूर जी को कैंसर का पता चला । जिसके बाद इलाज कराने के लिए वे न्यूयॉर्क गए वहां एक साल इलाज चला। ततपश्चात भारत वायसी के बाद ऋषि सार्वजनिक तौर ओर कम देखे गए। उनका इलाज चलता रहा दो वर्ष तक चली कैंसर की पीड़ा के बाद ऋषि कपूर 30 अप्रेल को हम सभी को 67 वर्ष की उम्र में छोड़कर चले गए। अंतिम समय में वे एच एन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल मुम्बई में निधन हो गया।

ऋषि कपूर जी के निधन की पहली खबर अमिताभ बच्चन जी ने शेयर की थी। उन्होंने कहा वो गए ऋषि कपूर गए उनका निधन हुआ मैं टूट गया हूँ।

ऋषि कपूर जी को 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्म फेयर पुरस्कार मिला था।2008 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिला। 1970 में मेरा नाम जोकर में अभिनय हेतु इन्हें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिला।2011 में फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड मिला। 2017 में फ़िल्म फेयर पुरस्कार मिला ।

ऐसे महान फ़िल्म अभिनेता को कोटि कोटि नमन ।

-डॉ. राजेश कुमार शर्मा”पुरोहित”
भवानीमंडी