आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

★ शब्द-विचार
ज़िम्म:दार-ज़िम्म:वार— सही शब्द ‘ज़िम्म:दार’ और ‘ज़िम्म:वार’ है। अब प्रयोग के धरातल पर वही ‘जिम्मेदार’ और ‘जिम्मेवार’ बन गया है। दोनों ही ‘अरबी’ शब्द हैं। दोनों का एक ही अर्थ है। ज़िम्मा में क्रमशः ‘दार’ और ‘वार’ प्रत्यय लगा हुआ है। वाक्यप्रयोग के आधार पर ‘ज़िम्म:’/’ज़िम्मा’ का अर्थ ‘उत्तरदायित्व’, ‘जवाबदेही’, ‘प्रतिभूति’ तथा ‘ज़मानत’ है, जबकि ज़िम्म:दार का मतलब ‘उत्तरदायी’, ‘जवाबदेह’, ‘प्रतिभू’ तथा ‘ज़ामिन’ (ज़मानत करनेवाला ) है।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १९ दिसम्बर, २०२० ई०।)