बेशक, मै एक सम्पादक हूँ

November 30, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• जी हुजूर! मै एक सम्पादक हूँ;तरह-तरह का सम्पादक हूँ;किसिम-किसिम का सम्पादक हूँ।पूर्वग्रह से सहित सम्पादक हूँ।सवाल है–रूप-रुपये-रुतबे का;तलाश है, ऐसे दाताओँ की,फिर तो आपको फ़ीचर-पेज कास्तम्भकार बना दिया।आप इसे ‘कदाचार’ […]

मेरी तरह ‘अकेले’ चलिए; पग-पग पर ‘विजयश्री’ क़दम चूमेगी

November 30, 2024 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• मै अपनी हर लड़ाई अकेले ही लड़ने के लिए समर्थ हूँ; लड़ भी रहा हूँ। जिन्हेँ विश्वसनीय समझता था, उनमे से लगभग सारे दग़ाबाज़ निकले। वाक्-कौशल का परिचय देते हुए, पीठ […]

बिखर रहा है देश, उसे जोड़िए हुजूर!

November 29, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• बेशर्म निगाहोँ की नज़र, तोड़िए हुजूर!बेईमान नज़रोँ की नीयत, छोड़िए हुजूर!मर रहा आँखोँ का पानी, देखिए एक बार,इंसानियत से नज़रेँ, न मोड़िए हुजूर!आँखेँ हैँ थक चुकीँ, सब्ज़बाग़ देखकर,फ़र्क़ कथनी-करनी मे, […]

कहानी– आत्मोन्नति की यात्रा

November 28, 2024 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’– सौरभ एक साधारण परिवार का लड़का था, जो एक छोटे से गांव में रहता था। वह अपनी पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन हर समय असफलताओं का सामना करता रहता था। हर […]

लघुता मे ‘प्रभुता’

November 27, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• हमारे देश मे जाने कितने ऐसे लोग हैँ, जो सर्वप्रभुतासम्पन्न एक व्यक्ति के साथ फ़ोटो खिँचवाने वा फिर पुस्तकादिक लोकार्पण कराने वा किसी आयोजन मे निमन्त्रित करने के लिए ”एड़ी-चोटी […]

बिनब्याही अपूर्णता

November 27, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• सुनो न!तुम्हारी पूर्णताभाती नहीँ मुझे;क्योँकि तुम मुझसेद्रुत गति मे चलायमान हो।हाँ, मै अपूर्ण हूँ।तुम मुग्ध हो, अपनी पूर्णता परऔर मुझे गर्व है, अपनी अपूर्णता पर;क्योँकि आज मुझेएहसास हो रहा है […]

संविधान के बारे मे जाने

November 26, 2024 0

‘संविधान’ शब्द संस्कृत भाषा के दो शब्दों ‘सम’ तथा ‘विधान’ ( सम+ विधान) से हुई है। सम का अर्थ है – एकसमान, बराबर जबकि विधान का अर्थ है -नियम , कानून। अर्थात ऐसे नियम और […]

सीखिए और सिखाइए; जीवन व्यर्थ न गँवाइए!

November 26, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आत्मीय आभासी-अनाभासी मित्रवृन्द! आपमे से बहुसंख्य मित्र (शाब्दिक) ऐसे हैँ, जो भयवश मेरे सम्प्रेषण पर कोई टिप्पणी नहीँ करते। उन्हेँ आशंका रहती है कि उनके अशुद्ध लेखन पर सीधे अँगुली […]

ऑस्ट्रेलिया की विषम पिच पर भारतीय बल्लेबाज़ोँ और गेंदबाजोँ ने अपने प्रदर्शन से क्रिकेट-जगत् को चौँकाया

November 25, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• भारतीय क्रिकेटदल के ऑस्ट्रेलिया-दौरे पर जाने से पूर्व ऑस्ट्रेलिया की पिच और गेँदबाज़ी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई आतंक का वातावरण बना दिया गया था; परन्तु भारत और ऑस्ट्रेलिया के मध्य ऑस्ट्रेलिया […]

पारमार्थिक भावना, समय का सदुपयोग और औदार्य: समाज के उत्थान की सच्ची संपदा

November 25, 2024 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’– मनुष्य के जीवन में अनेक गुण और मूल्य होते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ऐसे हैं जो उसे सच्चे अर्थों में महान और समाज के लिए उपयोगी बनाते हैं। इनमें पारमार्थिक […]

जीवन की सार्थकता और विचारशीलता : एक विश्लेषण

November 24, 2024 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’— जीवन की सार्थकता का प्रश्न हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। हम सभी अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण और उपयोगी बनाने की आकांक्षा रखते हैं। इस दिशा में विचारशीलता का महत्व सर्वोपरि […]

मन की दोहरी प्रकृति

November 23, 2024 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’– मन एक बेचैन बंदर की तरह है, जो लगातार एक विचार से दूसरे विचार के मध्य झूलता रहता है। मन ही हमारी भावनाओं, आकांक्षाओं, भय और आसक्तियों का जन्मस्थान है। यह […]

भारत के नम्बर दो उद्योगपति आडानी पर दो देशोँ की गाज गिरी!..?

November 22, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• इन दिनो वैश्विक क्षितिज पर गौतम आडानी और उनके भाई राजेश आडवानी का बेटा सागर आडानी-सहित कुल छ: लोग चर्चा के केन्द्र मे हैँ, जिन पर संयुक्त राज्य अमेरिका के […]

भारतीय बैडमिण्टन-खेलाड़िन पी० वी० सिन्धू का खेलकौशल अब शिथिल दिखता हुआ!

November 21, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• इन दिनो शेनजेन (चीन) मे खेले जा रहे ‘चाइना मास्टर्स सुपर– ७५० बैडमिण्टन-टूर्नामेण्ट’ के अन्तर्गत अपने पहले लीग मैच मे पी० वी० सिन्धू २० नवम्बर को अपने से श्रेष्ठतर श्रेणीवाली […]

भारतीय महिला-हॉकीदल ने एशियाई हॉकी-चैम्पियन्स ट्रॉफ़ी जीती

November 20, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• भारतीय महिला-हॉकीदल ने राजगीर (बिहार) मे आज (२० नवम्बर) सलीमा टेटे के नेतृत्व मे खेले गये बिहार महिला एशियाई हॉकी-चैम्पियन्स-ट्रॉफ़ी, राजगीर– २०२४ की प्रतियोगिता के फ़ाइनल मे चीन को १-० […]

भारतीय महिला-हॉकी दल जापान को हराकर फ़ाइनल मे पहुँचा

November 19, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आज (१९ नवम्बर) राजगीर (बिहार) मे भारत-जापान के मध्य खेले गये एशियाई महिलाहॉकी- चैम्पियंस ट्रॉफ़ी मे भारत ने यद्यपि जापान को एक पेनाल्टि-स्ट्रोक और एक मैदानी गोल की सहायता से […]

अर्थव्याप्तिदोष का सम्मोहन

November 18, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ज़िन्दगी मे अर्थ की परिव्याप्तिसुरसुरी-सी लगने लगी है।देह की खुरचनसायास-अनायास,केंचुल की भाँतिउतरती आ रही है।कालखण्डस्थितप्रज्ञ की भूमिका मेअनासक्त योगी-सदृश“एकोहम् सर्वेषाम्” को अभिमन्त्रित कर,लोकजीवन को जाग्रत् कर रहा है।प्रार्थना–स्वीकृति-अस्वीकृति की धुरी […]

‘टूटते सन्दर्भ’ का एक अंश

November 18, 2024 0

“वह हँसती नहीँ, हँसी पीती है। मेरी दार्शनिकता से उत्पन्न उसकी अन्तः हँसी मुझ पर प्रभावी होने लगी। विगत पूरे वर्ष का अंश तो वही है। मुझे रास आने लगा। हम प्राय: अपने निशि-दिवा के […]

प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति एक वरदान मे बरगद के औषधीय गुण

November 17, 2024 0

राघवेन्द्र कुमार राघव (वैकल्पिक-प्राकृतिक चिकित्सक)— बरगद का पञ्चाङ्ग उपयोगी है। बरगद का प्रत्येक अंश अमृत के गुणो से भरा है। फल, पत्ते, दूध, छाल और जटा सबका आयुर्वेद मे रोगनाशक के रूप उपयोग होता है। […]

मै मंच से कह रहा हूँ कि मेरे शिष्य शाश्वत शर्मा को ‘समीक्षा अधिकारी’ बना देँ― रामभद्राचार्य

November 17, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• चित्रकूट (उत्तरप्रदेश) मे स्थित तुलसी-पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने विगत दिवस जयपुर (राजस्थान) मे आयोजित रामकथा विषय पर प्रवचन करने की अवधि मे उत्तरप्रदेशविधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना से आदेशात्मक स्वर मे […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 17, 2024 0

◆ प्रस्तुत वाक्य ऐसे हैँ, जिन्हेँ लेकर ९५ प्रतिशत से अधिक सुशिक्षितजन अशुद्ध लेखन करते आ रहे हैँ।◆ यह प्रतियोगिता १८-१९ नवम्बर, २०२४ ई० तक रहेगी। जिसका उत्तर सर्वशुद्ध रहेगा, उसे नीचे दी गयी कृति […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 16, 2024 0

अध: टंकित शब्दोँ मे से कौन-सा शब्द उपयुक्त है?१– बँटाधार२– बण्टाधार३– बण्टाढार४– बँटाढार५– इनमे से कोई नहीँ। (फिर कौन-सा शब्द है?) उत्तर– १– बँटाधार शब्द-विवेचन– जो शब्द सर्वत्र प्रचलित है, वह ‘बंटाधार’ और ‘बण्टाधार’ है। […]

बैसवारा की कतकी : कार्तिक पूर्णिमा

November 15, 2024 0

करवा हैं करवाली,उनके बरहें दिन दिवाली।उसके तेरहें दिन जेठुआन ,औरफिर चुटिया- पुटिया बांध के चलो गंगा नहाय। मतलब की दीपावली की धूम और फिर जेठुआन के गन्ने की मिठास खत्म होते कतकी (गंगा स्नान) की […]

बालसाहित्य : मेरी रचना और लेखन का प्रथम सोपान

November 14, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• मेरा आरम्भ से स्वभाव रहा है कि जिस क्षेत्र मे जाओ, वहाँ ऐसा कर्म करो कि तुम्हारी स्थापना करने के लिए वहाँ की परिस्थिति विवश और बाध्य हो जाये। दूसरे […]

उच्चतम न्यायालय ने जे० सी० बी० मशीन से घर गिराने को अवैध ठहराया

November 13, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आज (१३ नवम्बर) उच्चतम न्यायालय की ओर से अकर्मण्य सरकारोँ-द्वारा अवैध ढंग से जे० सी० बी० (जोसेफ़ सायरिल बम्फोर्ड) (‘बुल्डोजर’ का प्रयोग ग़लत है।) से किसी के भी घर को […]

हिन्दुस्तान, लखनऊ-कार्यालय मे हमने भाषिक विमर्श किया

November 12, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• गत ११ नवम्बर को मै अपने प्रिय सम्पादक सुनील द्विवेदी जी, लखनऊ से मिला और उनके सम्पादकीय विभाग के लिए अपनी भाषिक कृति ‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ प्रदान […]

लखनऊ मे सम्मान्य शम्भुनाथ जी के साथ किया गया सारस्वत विमर्श सुखद रहा

November 12, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाध पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• उत्तरप्रदेश मायावती-शासन मे निजी एवं प्रमुख सचिव एवं उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान मे निदेशक रहे, मेरे सारस्वत मित्र एवं ज्येष्ठ भ्राता-सम समादरणीय ७८ वर्षीय शम्भुनाथ जी को गत ११ नवम्बर को […]

एशियाई महिला हॉकी-चैम्पियन्स ट्रॉफ़ी मे भारतीय दल प्रभावहीन रहा, यद्यपि एक गोल से जीता

November 12, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एशियाई हॉकी-चैम्पियनशिप मे आज (१२ नवम्बर) राजगीर (बिहार) मे खेले गये कोरिया के विरुद्ध भारतीय महिलादल की पेनल्टी-स्ट्रोक के कारण जीत हुई; परन्तु कुल मिलाकर, उसका प्रदर्शन प्रभावहीन रहा। उसके […]

दुनिया के लिए अच्छी साबित होगी भारत-रूस साझेदारी: जयशंकर

November 11, 2024 0

मुंबई। भारत और रूस की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे की पूरक हैं और 8 प्रतिशत विकास दर वाले भारत और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज रूस के बीच साझेदारी दोनों देशों के साथ ही दुनिया के लिए भी […]

अब कोई सूरज किसी रूपा को छुप-छुप कर नहीं देखता

November 10, 2024 0

छोटा भाई : भैया क्या आपको पता है कि बड़े-बड़े कास्तकार जिनका धान खेत से कटकर घर तक पहुंचने में पहले महीनो लग जाते थे, पूरा कातिक बीत जाता था, अब उनकी पूरी सीर एक […]

पकवान रेस्टोरेण्ट का कारनामा

November 9, 2024 0

पहला चित्र–घटना आज (९ नवम्बर) की है। मै डोसा खाने के लिए गया था। यह है, लखनऊ का ‘पकवान रेस्टोरेण्ट’ (शुद्ध शाकाहारी भोजनालय), जो लखनऊ रेल स्टेशन से लगभग ४०० मीटर की दूरी पर मुख्य […]

शुष्क हुई संवेदना, मरता भाव-विभाव

November 9, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–अत्याचारी देश मे, दिखते हैँ चहुँ ओर।उनके पापाचार का, कोई ओर-न-छोर।। दो–रक्त उबलता देखकर, उनका नित्य कुकृत्य।दिखते हैँ पथभ्रष्ट सब, दिखता हर दुष्कृत्य।। तीन–शुष्क हुई संवेदना, मरता भाव-विभाव।मन चेतन से […]

‘परिक्षा’ शुद्ध शब्द है और परीक्षा भी

November 8, 2024 0

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला•••••••••••••••••••••••••• ★ परिक्षा– इस ‘परिक्षा’ शब्द की वर्तनी (अक्षरी) देखते ही कोई भी सुस्पष्ट शब्दोँ मे कह देगा– यह जो ‘परिक्षा’ शब्द दिख रहा है, पूरी तरह से ग़लत है; […]

दृष्टि परे दर्शन हुआ, योग-क्षेम अभिशाप

November 7, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–जीवन अब अनुवाद है, मूल रह गया भूत।भाव अर्थ से हीन है, कथ्य बना अवधूत।।दो–दृष्टि-परे दर्शन हुआ, योग-क्षेम अभिशाप।परे परा अपरा हुई, जल से जैसे भाप।।तीन–कुन्द प्रखरता ठोस है, प्रतिभा […]

‘छठि’ (छठ) के आवते अँखिया मे बचपन जीये लागल!

November 7, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ‘छठि’ के नउवा सुनि के आपन गाँव, घर, दुआरि, डेरा, खरिहान, बर-बनिहार आ पाँड़े पोखरा याद आवे लागल। मुँड़ी पर फल-फूल, सिंघाड़ा, ठेकुआ, पूआ-मलपुआ, पूड़ी, भीगल चाना, उखि के गेँड़, […]

कहे तोसे सजना ओ तोहरी सजनिया गाने वाली हुई चिर मौन

November 6, 2024 0

बैसवारा में छठ नहीं मनाई जाती, भोजपुरी और मैथिली भी नहीं बोली जाती। इसलिए भोजपुरी और मैथिली की प्रख्यात लोकगायिका स्वर्गीय शारदा सिन्हा को मैंने बहुत देर से जाना। उनकी जादुई आवाज मैंने पहली बार […]

अभी-अभी– प्रखर लोकगीतगायिका शारदा सिन्हा जी का शरीरान्त

November 5, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• जनप्रिय लोकगीत-गायिका ७२ वर्षीया समादरणीया दीदी शारदा सिन्हा जी का अभी कुछ ही समय-पूर्व शरीरान्त हुआ है। कई दशक-पूर्व लखनऊ से प्रकाशित मासिक पत्रिका ‘भोजपुरी लोक’ की ओर से लखनऊ […]

जज़्बातों का समन्दर

November 5, 2024 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’– अगर जज़्बातों का ये समन्दर न होताआदमजादे भी यहाँ जानवर बन जाते।कोई भी किसी के लिए परेशान न होताकिसी भी काम के न होते रिश्ते-नाते।न दिल मे किसी के लिए नफ़रत […]

जाने क्योँ-कैसा प्रतिबन्ध!

November 5, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• पानी पर ठहरा सम्बन्ध,जाने कैसा क्योँ प्रतिबन्ध?होठोँ पर मृदु हास-रेखाएँ,हृदय दिखाता है अनुबन्ध।चिरसंचित अभिलाष खड़ा है,प्रश्न उठाता है सम्बन्ध।उम्र है घटती-कटुता बढ़ती,अनदेखी कर लेता अन्ध।अनाचार है आँख दिखाता,मुक्त दिख रहे […]

भारत-दुर्दशा का वर्तमान

November 5, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• छन्द :– चौपाईमंगल भवन अमंगल हारी। देश लुट रहा बारी-बारी।।जनता फिरती मारी-मारी। असर न होता अत्याचारी।।आपस मे है मारा-मारी। पापी दिखते सब पर भारी।।पाप घड़ा पापी भर आया। भगतोँ को […]

भाव-जगत् मे बस गये, सम्बन्धोँ के खेल

November 3, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–कैसा भाई दूज है, लिये प्रथा को संग।प्रेम-नेह दिखता नहीँ, रिश्ते होते तंग।।दो–छिटक रहे भाई-बहन, भौतिकता ले साथ।रोता भाई दूज भी, झुका-झुकाकर माथ।।तीन–बचपन बूढ़ा हो रहा, लकुटी ही अब साथ।बिछड़ […]

राजभाषा अधिकारी परीक्षा से सम्बन्धित मॉक टेस्ट का हुआ आयोजन

November 3, 2024 0

कोलकाता और आसपास के क्षेत्र के युवा वर्ग को राजभाषा हिंदी में रोजगार के अवसर और तदानुसार तैयारी के संबंध में जागरूकता फैलाने और युवा वर्ग को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से स्थापित नैहाटी शिल्पांचल […]

भोजपुरिया लिक्खाड़ लोगवा! एही क कहल जाला भोजपुरी

November 3, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ए चचिया! तोरा क उठि-बइठि आ सूति-जागि क उठक-बइठक करत परनाम करत बानी। आछा त, तू खाँड़ी-चूकी ना हउ, सोगहगवे बाड़ू। आपना लेखा एगही। तू आपन पूत खइलू; भतार कटलू, […]

संविधान विरुद्ध खड़े, लोकतन्त्र के अंग

November 2, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–मनहूस तारीख़ हुई, मानो गूलर-फूल।न्यायशील दिखते कहाँ, आस रही है झूल।।दो–देखो! कैसे मौन हैँ, न्यायतन्त्र के लोग।चिन्दी-चिन्दी हो रही, इज़्ज़त लगती भोग।।तीन–पट्टी खोली आँख की, संविधान अब हाथ।दिखता न्याय सुदूर […]

संविधान अब गौण है, केवल व्यक्ति प्रधान

November 1, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–जन का तेल निकाल कर, भरेँ दीप मे तेल।परवश कैसा राम है, खेल रहा है खेल।।दो–दृष्टि सयानी दिख रही, बढ़ा रही है प्रीति।घायल करती राज को, बना रही है नीति।।तीन–संविधान […]