कछौना, हरदोई। विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते छुट्टा गौवंशो की ज्वलंत समस्या बनी है। माता के रूप में पूजने वाली गाय की दुर्दशा है, आए दिन गौवंश कटीले तारों, अस्थाई गौ-आश्रय स्थलों में देखरेख के अभाव में सड़कों पर दुर्घटनाओं का शिकार, रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से प्रतिदिन गौवंश तड़प तड़प कर मर रहे हैं।
सरकार के लाख प्रयास के बावजूद छुट्टा गौवंश व आम जनमानस प्रभावित है। छुट्टा गौवंशो को संरक्षण एवं संरक्षित करने की योजना कागजों पर चल रही है। छुट्टा गौवंशो को पकड़वाने हेतु डेड लाइन समाप्त होने के बावजूद ग्रामों कस्बों सड़कों पर छुट्टा गौवंश विचरण कर रहे हैं। जिसके कारण आए दिन हादसे होते हैं। छुट्टा गौवंशो के कारण रेलवे ट्रैक भी सुरक्षित नहीं है। बृहस्पतिवार को रेलवे ट्रैक लखनऊ से दिल्ली के बालामऊ जंक्शन के अंतर्गत गेट नंबर 261सी पर ट्रेन की चपेट में आने से तीन छुट्टा गौवंशो की दर्दनाक मृत्यु हो गई, एक बड़ा हादसा होते-होते बचा।
इस तरह के हादसे प्रतिदिन होते हैं, कई दिन तक रेलवे ट्रैक पर गौवंशो के शव पड़े रहने से हादसों की संभावना के साथ आसपास बदबू से लोगों का जीना दुश्वार है। छुट्टा गौवंश की समस्या लाइलाज हो चुकी है। जिसका खामियाजा बेजुबान पशुओं के साथ आम जनमानस को उठाना पड़ता है। इस प्रकरण पर पी०डब्लू०आई० रेलवे ने बताया ग्राम सभाओं और नगर निकायों को छुट्टा गौवंशो को पकड़वाने के विषय में पत्र लिखा जा चुका है, परंतु जिम्मेदार लोग ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। सूचना मिलने पर तत्काल गौवंशो के शव को रेलवे ट्रैक से हटवा दिए जाते हैं।
रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता