पूर्वोत्तर में खिलने लगा कमल और हाथ का साथ छूटा

भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वोतर में अपनी सत्‍ता का विस्‍तार किया है। पार्टी, वाम दलों के गढ़ त्रिपुरा में भी सरकार बनाएगी। राज्‍य में पिछली विधानसभा में भाजपा के पास एक भी सीट नहीं थी लेकिन इस चुनाव में उसने शानदार जीत के साथ पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है। पार्टी ने 35 सीटें जीती हैं और उसके सहयोगी आई पी एफ टी ने आठ सीटें हासिल की हैं। गठबंधन के दोनों सहयोगियों को 43 सीटें मिली हैं। मार्क्‍सवादी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी 14 सीटों पर सिमटकर रह गई है। कांग्रेस तो अपना खाता भी नहीं खोल पाई है।

मेघालय और नगालैंड में त्रिशंकु विधानसभा के आसार हैं। मेघालय में कांग्रेस को 21 सीटें मिली हैं। नेशनल पीपुल्‍स पार्टी-एन०पी०पी० को 19 और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी-यू डी पी को छह सीटें मिली हैं। पीपुल्‍स डेमोक्रेटिक फ्रंट-पी०डी०एफ० को चार, निर्दलीय को तीन, भाजपा तथा हिल स्‍टेट पीपुल्‍स डेमोक्रेटिक पार्टी को दो-दो और एन०सी०पी० तथा के०एच०एन०ए०एम० को एक-एक सीट हासिल हुई है।

नगालैंड में एन०पी०एफ० 27 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। एन०डी०पी०पी० को 17, भाजपा को 12, एन०पी०पी० को दो, जे०डी०-यू और निर्दलीय को एक-एक सीट मिली है। राज्‍य में भाजपा और एन०डी०पी०पी० के बीच गठबंधन है।

त्रिपुरा में भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष बिप्‍लव कुमार देव ने बनमालीपुर सीट जीत ली है। मेघालय में, कांग्रेस उम्‍मीदवार तथा मुख्‍यमंत्री मुकुल संगमा, अमपाती और संगसक दोनों सीटों पर विजय रहे हैं। पूर्वोतर के इन तीनों राज्‍यों की विधानसभा में साठ-साठ सीटें हैं लेकिन मतदान उनसठ-उनसठ सीटों पर कराया गया था। इस बीच, तीनों राज्‍यों में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं।