● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
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वसंत
बेचारा संत हो गया।
पंचमी का–
वह कन्त हो गया।
पतझर बौराया–
वह अन्त हो गया।
हा धिक्-हा धिक्!
वह हन्त हो गया।
(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १३ मार्च, २०२४ ईसवी।)