फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु विकास खण्ड स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन 

हरियावां, हरदोई — आज विकास खण्ड हरियावां के सभागार में एक दिवसीय फसल अवशेष प्रबन्धन परियोजना के अन्तर्गत विकास खण्ड स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य फसल अवशेषों को भूमि में मिलाकर जीवाश्म कार्बन का स्तर बढ़ाकर मृदास्वास्थ्य में सुधार करना था। 

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख हरियावां के प्रतिनिधि सत्यम सिंह ने बताया कि लगातार फसलें लेने से भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। आजकल भूमि में फसल अवशेष मिलाकर मृदा स्वास्थ्य को सुधारने की नितान्त आवश्यकता है। कृषक फसलों के अवशेषों यथा धान का पुआल, गेहूं की फसल के अवशेष, गन्ने के अवशेष तथा अन्य फसलों के अवशेष काटकर भूमि में मिलाएं जिससे गुणवत्तायुक्त तथा स्थाई उत्पादन मिल सके।

इस अवसर पर केन्द्र के अध्यक्ष डा० के०के० सिंह ने कहा कि फसल अवशेष भूमि में मिलाना अत्यन्त आवश्यक है जिससे मृदा की उर्वरता सुधर सके। इसके साथ-साथ उन्होंने फसलचक्र में दलहनी एवं तिलहनी फसलों को उगाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इन फसलों को उगाने से वातावरण से नाइट्रोजन का स्थलीकरण होता है तथा वसा एवं प्रोटीन की पूर्ति भी हो जाती है। 

केन्द्र के कृषि रक्षा विज्ञानी डॉ० सी०पी०एन० गौतम ने बताया कि फसल अवशेषों को अतिशीघ्र सड़ाने के लिए बेस्ट डीकंपोजर का प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्र से सम्पर्क कर लाभ ले सकते हैं। केन्द्र के प्रसार विज्ञानी मुकेश सिंह ने कहा कि फसल अवशेषों को भूमि में मिलाने से उत्पादन की लागत तो कम होती ही है इसके साथ-साथ निरन्तर स्थाई उत्पादन मिलता है। भूमि का स्वास्थ्य सुधरता है एवं पर्यावरण प्रदूषण से रक्षा होती है। इसके साथ-साथ उन्होंने फसल अवशेष प्रबन्धन के सभी विषयों पर विस्तृत जानकारी दी। 

विकासखण्ड हरियावां के संयुक्त खण्ड विकास अधिकारी प्रवीन कुमार श्रीवास्तव ने उन्नत कृषि तकनीक अपनाने की सलाह दी तथा सभी फसलों के अवशेष एकत्रित कर जीवाश्म पदार्थों को भूमि में मिलाने की सलाह दी। कृषि विभाग के कृषि रक्षा इकाई के प्रभारी श्री राममिलन रावत एवं बीज भाण्डार प्रभारी श्री शैलेन्द्र विक्रम सिंह ने फसल अवशेष प्रबन्धन पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन केन्द्र के पादप सुरक्षा विज्ञानी डॉ० सी०पी०एन० गौतम ने किया। इस अवसर पर 100 से अधिक कृषक उपस्थित रहे। केन्द्र के प्रसार विज्ञानी मुकेश सिंह ने सभी कृषकों के प्रति आभार व्यक्त किया।