नृशंस और संवेदनहीन सरकार की निरंकुशता

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

आम जनता गऊ है, जैसा चाहो, दूहो, सोखो, नोचो-बकोटो और विरोध करने पर ‘राष्ट्रद्रोह’ का केस ठोंकवाकर जेल में ठूँसवा दो।

देश की सरकार के पास अपनी जनता के ऊपर पेट्रोल, डीज़ल, गैस सिलिण्डर के बोझ डालकर मारने की शक्ति है; किन्तु चीन की घुड़की के सामने बोलती बन्द हो जाती है। आज चीनी सैनिकों ने कर्नल-सहित हमारे तीन सैनिकों को मार डाला है।

इतनी नृशंस और संवेदनहीन सरकार इससे पहले गठित ही नहीं हुई थी; “डंके की चोट पर जनता को जिस तरह से चाहती है, पीस डालती है। देश की जनता को बिना भरोसे में लिये ‘देश की सरकार’ को ‘मोदी की सरकार’ कहनेवाले मनमानी करने पर उतारू हो चुके हैं।

विपक्ष दो कौड़ी से भी गये-गुज़रे सिद्ध हो चुके हैं, तो क्या ‘जनक्रान्ति’ अब अपरिहार्य हो चुकी है?

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १६ जून, २०२० ईसवी)