भारत माँ की पुकार

राघवेन्द्र कुमार “राघव”-


हर मां का हमें चाहिए बेटा हर बहना का भाई ।

भारत माता ने रोते – रोते आवाज़ लगाई ।

आज पुनः दर्पी दुश्मन चढ़ हिन्द – ए – भाल पर आया है ।

बड़ी धृष्टता की उसने जो सोता सिंह जगाया है ।

ऐ वतन प्रहरियों पुनः आज रीति वही दुहरानी है

टाइगर हिल और कारगिल वाली उनको याद  दिलानी है ।

वतन के प्रहरी हम ही तो हैं अब हमको जगना होगा ।

इस माँ का कर्ज़ चुके न चुके उस मां का कर्ज़ चुकाना होगा ।

अरे वीर माताओँ तुमने ज़ौहर कितने कर डाले ।

पति, पुत्र, भ्राता और बाबुल माँ को अर्पित कर डाले ।

आज तुम्हारे चेहरे पर क्यों मातम छाया है बहना ।

हंसकर विदा करो अब तो राखी का मोह त्याग दे ना ।

अरी देवियों भारत की ! चित्तौड़ी ज़ौहर याद करो ।

दुश्मन का नाश कराने को अभिषेक विजय का आज करो ।

देखो हमको क्या हाल मेरा कर डाला आतंकी दुष्टों ने ।

हाथ पैर पहले काटे अब सिर को फोड़ा दुष्टों  ने ।

इन आवारा दुष्टों को मारो, फेंको बरबाद करो ।

मेरे जलते सूने घर को बच्चों मेरे आबाद करो ।।