‘यश बैंक’ की बेईमान व्यवस्था से त्रस्त जनता

‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय

पृथ्वीनाथ पाण्डेय

‘यश बैंक’ की असलीयत जानें और विषय-केन्द्रित ही प्रतिक्रिया करें।

इन सभी समूह और इनके अतिरिक्त जो नाम यहाँ दिख नहीं रहे हैं, उनके विरुद्ध भी कठोर दण्डात्मक काररवाई करने की आवश्यकता है; क्योंकि ऐसे कुकृत्य में देशवासियों की धनराशि ही शामिल है‌ और हमारी अर्थव्यवस्था भी दुष्प्रभावित हो रही है।

इधर के कुछ ही वर्षों में अनेक बैंकों में हमारे-आपके रुपये अधिक ‘कमीसन’ लेकर जाने-माने उद्योगपतियों को ‘ऋण’ के रूप दिये जाते रहे हैं और जिनको दिये जाते रहे, उन पर वर्तमान ‘मोदी-सरकार’ की मेहरबानी रही। वह मेहरबानी यों ही नहीं थी। मेहरबानी का मुख्य कारण यह था कि जिन्हें ‘यस बैंक’ से ऋण मिले थे, उन्होंने कथित मोदी-सरकार की पार्टी ‘भारतीय जनता पार्टी’ को ‘चन्दे’ के रूप में करोड़ों रुपये दिये थे। इससे सुस्पष्ट हो जाता है कि ‘यस बैंक’ की सन्दिग्ध प्रत्येक गतिविधि से मोदी-सरकार भली-भाँति अवगत थी।

ऊपर प्रमाण दिये गये हैं। इन पर भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नरेन्द्र मोदी की प्रतिक्रिया अपेक्षित है।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १२ मार्च, २०२० ईसवी)