
(प्रस्तुत है, भाषाविज्ञानी आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की सकारण आपत्ति)
पिछले रविवार को उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से ‘समीक्षा अधिकारी परीक्षा’ करायी गयी थी, जिसमे लाखों की संख्या मे विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी।
हमने जब उक्त परीक्षा के ‘सामान्य हिन्दी’ का प्रश्नपत्र देखा था तब उसमे अनेक प्रश्न और उत्तर-विकल्प ऐसे थे, जो पूरी तरह से समझ से परे थे। आयोगादिक की ऐसी ही लापरवाही और अयोग्यता हमारे विद्यार्थियों के गले की फाँस बनती आ रही है और आयोग के अधिकारी मुँह छिपाये रहते हैं। यह है, सीधा आरोप भाषाविज्ञानी आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का, जो समय-समय पर आयोग की आँखें खोलने का काम करते आ रहे हैं। आचार्य का स्पष्ट तौर पर आरोप है कि बिना शब्दों के उचित प्रयोग की समझ के प्रश्नपत्र तैयार कराया गया है।
सीरीज़ D, कोड : BATISTUTA- 02 के सामान्य हिन्दी के प्रश्नपत्र मे दिये गये लगभग सारे प्रश्नात्मक वाक्य के अन्त मे विवरण-चिह्न (:–) के स्थान पर निर्देशक-चिह्न (–) लगा दिये गये हैं। इतना ही नहीं, योजक-चिह्नो (-) को भी निर्देशक-चिह्न (–) बना दिये गये हैं, जो कि सामान्य हिन्दी के प्रश्नपत्र मे किये गये ऐसे कृत्य अक्षम्य हैं और आपराधिक भी।
वैयाकरण आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने बताया है कि प्रश्न-संख्या 20 का प्रश्न ग़लत है और उत्तर-विकल्प भी; क्योंकि इस प्रश्न मे एक अशुद्ध वाक्य बताने को कहा गया है, जबकि इसमे दो वाक्य अशुद्ध हैं। (c) मे ‘सब्जी मँहगी है।’ लिखा है। इसमे ‘मँहगी’ के स्थान पर ‘महँगी’ होगा। (d) भी अशुद्ध है; क्योंकि इसमे ‘उपरोक्त’ की जगह ‘उपर्युक्त’ होगा। इसप्रकार यह प्रश्न और उत्तर-विकल्प ग़लत हैं। अब 22 वाँ प्रश्न देखें। इसमे सूची-1 और सूची-2 के अन्तर्गत जो क्रमश: विशेषण और विशेष्य दिये गये हैं, उनमे दो शब्द-प्रयोग खटक रहे हैं :– पहला, महती और दूसरा, महिलाएँ। पहले ‘महती’ को समझें। ‘महती’ विशेषण है, जिसके लिए विशेष्य-शब्द के रूप मे ‘महिलाएँ’, ‘कथा’, ‘घटना’ तथा ‘पुस्तक’ दिये गये हैं। इनमे से ऐसा कोई भी विशेष्य शब्द नहीं है, जिसके साथ ‘महती’ का प्रयोग किया जा सके। महती का प्रयोग देखें– महती भूमिका; महती पृष्ठभूमि। इसप्रकार यह प्रश्न और उत्तर एक सिरे से ग़लत हैं। यहाँ जिस विदुषी का प्रयोग है, वह ‘महिला’ के लिए है, न कि ‘महिलाएँ’ के लिए। प्रश्न 24 मे बिल्कुल का प्रयोग है, जबकि ‘बिल्कुल’ निरर्थक शब्द है; सार्थक और सही शब्द ‘बिलकुल’ है, जो अरबी-भाषा का शब्द है। प्रश्न 28 मे ‘आवृतिवाचक’ शब्द दिख रहा है, जबकि ‘आवृत्तिवाचक’ होगा। प्रश्न 32 का प्रश्न और उत्तर-विकल्प ग़लत है; क्योंकि उसमे एक शुद्ध शब्द चयन करने को कहा गया है, जबकि वर्तनी की दृष्टि से उसमे दो उत्तर-विकल्प शुद्ध हैं :– (a) ‘अकार’ (d) वधू। अकार का अर्थ है, ‘अ’ अक्षर वा उसकी उच्चारण-ध्वनि। प्रश्न 37 का प्रश्नात्मक वाक्य ही अशुद्ध है। उसमे प्रयुक्त ‘दीन दुखियों’ के स्थान पर ‘दीनदु:खियों’ वा ‘दीन-दु:खियों’ होगा; क्योंकि ‘दीन और दु:खियों’ के अर्थ मे द्वन्द्व समास का उदाहरण है।
आचार्य ने बताया कि कुछ अन्य प्रश्न और उत्तर-विकल्प आपत्तिजनक हैं, जिनपर आयोग-द्वारा उत्तर जारी करने के बाद प्रकाश डाला जा सकता है।