सुन राम!

January 22, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••• राम!तू राम नहीं, ‘मरा’ है।भूल जा!‘मरा-मरा’ कहनेवालेकभी ‘राममय’ हो जाया करते थे,तब ‘सच्चरित्र’ होता था;होती थी, ‘सदाचरण’ की सभ्यताऔर होती थी, धर्म के मर्म की समझ।तेरा नायकत्व,प्रतिनायकत्व का रूप ले […]

“रामराज की स्थापना के लिए क्षुद्र स्वार्थ से ऊपर उठना होगा”– डॉ० प्रकाश चिकुर्डेकर

January 22, 2024 0

‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज की ओर से आन्तर्जालिक राष्ट्रीय बौद्धिक परिसंवाद सम्पन्न ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज की ओर से २१ जनवरी को ‘सारस्वत सदन’, अलोपीबाग़, प्रयागराज की ओर से ‘रामराज की प्रासंगिकता : वर्तमान संदर्भ मे’ विषय पर एक […]