रामचरितमानस मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य की गिरफ्तारी को लेकर दिवाकर वेदपाठी कर रहे अनशन 

हरदोई : श्रीमद्रामचरितमानस के अपमान मामले मे स्वामी प्रसाद मौर्य की गिरफ्तारी को लेकर दिवाकर वेदपाठी, एडवोकेट कुँअर शमशेर अली, पवन अग्निहोत्री आदि समाजसेवी हरदोई कलेक्ट्रेट में 8 फरवरी से अनशन कर रहे हैं।

मालूम हो कि तुलसीदासकृत श्रीमद्रामचरितमानस के कुछ अंशों को दलित व पिछड़े वर्ग के प्रति शोषणकारी बताते हुए पिछले महीने ओबीसी महासभा द्वारा पवित्र काव्य ग्रंथ के कुछ पृष्ठ जलाये जाने की घटना हुई थी। इस घटना के बाद पूरे देश में हिन्दुत्ववादी संघटनो के द्वारा सांकेतिक विरोध किया गया और भाजपा, विहिप सहित कई संघटनों द्वारा विरोध-प्रदर्शन आदि भी किये गये। लेकिन सरकारी संरक्षण और वोटों की राजनीति के कारण कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण जगह-जगह अभी तक प्रदर्शन किये जा रहे हैं। हरदोई के कस्बा कुरसठ निवासी एस के बाजपेयी वेदपाठी इस घटना से आहत होकर पाँच दिन से अनशनरत हैं। दिवाकर का कहना है कि भारत में हिन्दू धर्म व प्रतीकों का अपमान फैशन बन गया है। किसी अन्य धर्म के प्रति ये जाहिल लोग इस तरह की टिप्पणी या कृत्य क्यों नहीं करते? हिन्दू महासभा के कमलेश तिवारी ने तो ऐसा कुछ नहीं किया था जैसा मानसिकरोगी स्वामी प्रसाद मौर्य कर रहा है, लेकिन वह बेचारे मार दिये गये और सरकार आज तक उस परिवार को न्याय नहीं  दिला पायी है। सरकार का ढुलमुल रवैया हिन्दुओं की आस्था का मजाक उड़ा रहा है। राजनीति की रोटियाँ सेंकने के लिये हिन्दू धर्म ग्रंथों को जलाना देश की एकता और सद्भाव में आग लगाने जैसा है। यह सब इस देश में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

श्री वेदपाठी का कहना है कि हिन्दू धर्म की आस्था का मजाक उड़ाना और आस्था व प्रतीकों का अपमान करने वालों पर जब तक सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं किया जाता है हम अनशन करते रहेंगे। किसी भी अनहोनी की जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।