शिक्षक दिवस : कुछ पुरानी बातें

September 6, 2023 0

वायुसेना में तकनीकी क्षेत्र में कार्य करने के बावजूद मैं हिंदी पखवाड़ा, हिंदी सप्ताह, हिंदी दिवस के कार्यक्रमों में भाग लेता रहता था । वायुसेना स्टेशन बैरकपुर में हिंदी पखवाड़ा के ‘निबंध लेखन’ में मुझे […]

जनसामान्य के मन-मस्तिष्क मे शिक्षा की उपयोगिता और महत्ता का बीजवपन करना होगा

September 4, 2023 0

‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज के तत्त्वावधान मे शिक्षक-दिवस की पूर्व-सन्ध्या मे ‘शिक्षा सर्वसुलभ कैसे हो?’ विषय पर ४ सितम्बर को एक आन्तर्जालिक राष्ट्रीय बौद्धिक परिसंवाद का आयोजन ‘सारस्वत सदन’, अलोपीबाग़, प्रयागराज से किया गया था, जिसमे देश […]

शिक्षा की दिव्यता शिक्षक से है

September 4, 2023 0

शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है। भारत मे शिक्षकों का स्थान सदैव सर्वोच्च रहा है। सनातन धर्म में शिक्षक या गुरु को ईश्वर से भी बड़ा स्वीकार किया गया है। भगवद्गीता मे भगवान श्रीकृष्ण स्वयं […]

शिक्षक दिवस शुभ हो : बंदउं गुरु पद पदुम परागा

September 5, 2022 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’– शिक्षक दिवस शुभ हो… बंदउं गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।।अमिअ मूरिमय चूरन चारू। समन सकल भव रुज परिवारू॥ (मै गुरुवर के कमल के समान कोमल चरण-धूलि की वंदना […]

श्री हरिद्वार सिंह जैसे तमाम गुरुजनो को शिक्षक दिवस पर हार्दिक नमन

September 5, 2022 0

विनय सिंह बैस : श्री हरिद्वार सिंह (पूर्व प्रधानाध्यापक, इंटर कॉलेज विष्णुखेड़ा) पापा के सहकर्मी और घनिष्ठ मित्र थे। मेरे लिए भी वह गुरु और पितातुल्य दोनो थे। पापा के साथ 15 अगस्त और 26 […]

कविता : शिक्षक-दिवस

September 4, 2022 0

हर बार यह दिन आता है, शिक्षक दिवस यह कहलाता है। 5 सितंबर का दिन जब आता है, इसे डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। सही राह पर चलना सिखाते […]

और कितना विषैला बनाओगे शिक्षा-प्रशिक्षा-परीक्षा को?

September 4, 2022 0

‘शिक्षक-दिवस’ की पूर्व-सन्ध्या मे आयोजित ‘सर्जनपीठ’ की राष्ट्रीय परिसंवादमाला ‘सर्जनपीठ’ के तत्त्वावधान मे ‘शिक्षक-दिवस (तिथि)’ की पूर्व-सन्ध्या मे (‘सन्ध्या पर’ अशुद्ध है।) ‘शिखर से शून्य की ओर सारस्वत पथ’ परिसंवादमाला के अन्तर्गत ‘शिक्षा-प्रशिक्षा और परीक्षा […]

शिक्षक दिवस पर विशेष : “नायमात्मा बलहीनेन लभ्य”

September 5, 2020 0

डाॅ. निर्मल पाण्डेय (इतिहासकार/लेखक) शिक्षा का सही उद्देश्य बताते एक उद्बोधन में, जिसे डॉ. राधाकृष्णन ने 23 जनवरी 1957 को कलकत्ता विश्वविद्यालय शताब्दी वर्ष में उपाधि-वितरण-समारोह के अवसर पर दिया था, कहते हैं: ‘पुराने विश्वविद्यालयों […]

‘शिक्षक-दिवस’ पर विशेष : हम कैसे कह दें, “आचार्य देवो भव?”

September 5, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक वह समय था, जब अध्यापक की सम्पूर्ण समाज में सर्वाधिक मान-प्रतिष्ठा हुआ करती थी, तब यह उदात्त शब्दावली शोभा देती थी, “आचार्य देवो भव।” एक समय आज का है, […]