आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 19, 2024 0

शब्द हैं :– संकीर्ण, आकीर्ण, विस्तीर्ण, प्रकीर्ण तथा विकीर्ण। संकीर्ण– मूल शब्द ‘कीर्ण’ है, जिसका अर्थ ‘बिखरा हुआ’, ‘ढका हुआ’ तथा ‘ठहरा हुआ’ है। हम प्रयोग के आधार पर शब्दार्थ-चयन करेंगे। हम ‘संकीर्ण’ के अर्थ […]

जन-जन मे जाग्रत् हो रही, हिन्दी की वैश्विक चेतना

January 9, 2024 0

‘विश्व हिन्दी-दिवस’ की पूर्व-संध्या मे ‘सर्जनपीठ’ का अन्तरराष्ट्रीय आयोजन सम्पन्न ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज के तत्त्वावधान मे आज (९ जनवरी) ‘विश्व हिन्दी-दिवस’ की पूर्व-संध्या मे ‘सारस्वत सदन’, अलोपीबाग़, प्रयागराज से ‘हिन्दी की वैश्विक स्थिति’ विषयक एक आन्तर्जालिक […]

विद्यार्थी और अध्यापकों के लिए देशस्तर पर हिन्दी-भाषा की कर्मशाला हो― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

November 20, 2023 0

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, बीसलपुर, पीलीभीत द्वारा ‘नयी शिक्षा-नीति एवं मातृभाषा के आलोक में शब्दसंधान’ विषय पर त्रि- दिवसीय (दिनांक २०, २१ तथा २२ नवम्बर) राष्ट्रीय कर्मशाला के प्रथम दिन का आयोजन किया गया। […]

ज्ञान-विज्ञान और प्रौद्योगिकी-क्षेत्र में हिन्दी ससीम से असीम की ओर

September 25, 2023 0

‘हिन्दी-पक्ष’ (पखवाड़ा) के अवसर पर विशेष प्रस्तुति ★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय(भाषाविज्ञानी और समीक्षक) देश की बहुसंख्य जनता देवनागरी लिपि मे हिन्दी लिखना, पढ़ना तथा समझना जानती है। सम्पूर्ण देश मे साहित्य की दोनो विधाओं […]

‘मुक्त मीडिया’ मे हिन्दीभाषा की दुर्दशा समाज-घातक है

September 18, 2023 0

‘सर्जनपीठ’ और ‘भारतीभवन’ के संयुक्त तत्त्वावधान मे हिन्दी-पक्ष (हिन्दी-पखवाड़ा) के अवसर पर १७ सितम्बर को ‘मुक्त मीडिया’ (सोशल मीडिया) मे हिन्दी : कितनी हिन्दी?’ विषय पर एक बौद्धिक परिसंवाद का आयोजन ‘भारती भवन पुस्तकालय-सभागार’, लोकनाथ, […]

बाबू चिन्तामणि घोष एक अहिन्दीभाषी महान् हिन्दी-साधक थे

August 11, 2023 0

‘सर्जनपीठ’ के तत्त्वावधान मे १० अगस्त को बाबू चिन्तामणि घोष की निधन-तिथि (११ अगस्त) की पूर्व-सन्ध्या मे एक आन्तर्जालिक राष्ट्रीय बौद्धिक परिसंवाद का आयोजन ‘सारस्वत सदन’-सभागार, अलोपीबाग़, प्रयागराज से किया गया था, जिसमे देश के […]

‘परीक्षा पे/पर चर्चा’ वाक्यांश-प्रयोग का औचित्य?

January 21, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इन दिनो एक वाक्यांश शिक्षाजगत् की शब्द-सम्पदा को खाने के लिए ‘जंगली कुत्ते’ की तरह से छोड़ दिया गया है। आश्चर्य है, उस कुत्ते को लठियाने की हिम्मत मरती हुई […]

हिन्दी हम सबकी पहचान है

May 18, 2022 0

कवि राजेश पुरोहित, भवानीमंडी हिन्दी आन है हमारी शान है। हिन्दी हम सबकी पहचान है।। हिन्दी में गीता और कुरान है। हिन्दी ही हम सबकी जान है।। हिन्दी का रखना हमें ध्यान है। हिन्दी में […]

हिन्दी का बहुविध संवर्द्धन करना हमारा उद्देश्य है– विभूति मिश्र

March 8, 2022 0

‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग’ की ओर से आगामी १२-१३ मार्च को आयोजित किये जानेवाले द्विदिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन की कार्ययोजना के संदर्भ मे ८ मार्च को सम्मेलन के प्रधानमन्त्री-कार्यालय मे एक पत्रकार-वार्त्ता का आयोजन किया गया। […]

देश के प्रबुद्ध-वर्ग की नववर्ष में हिन्दी-भाषा की शुद्धता के प्रति आग्रह की अभिव्यक्ति

January 1, 2022 0

नववर्ष में हिन्दीभाषा की शुद्धता के प्रति समाज को हमारे साहित्यकार, अध्यापक तथा पत्रकार-वर्ग जागरूक करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसका लक्षण उस समय दिखा जिस समय ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज की ओर से नववर्ष की पूर्व-सन्ध्या […]

डॉ० प्रभात ओझा संयुक्त हिन्दी-सलाहकार समिति के सदस्य नामित

December 4, 2021 0

प्रयागराज, 4 दिसंबर। हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग की कार्यसमिति सदस्य डॉ. प्रभात ओझा को केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के दोनों विभागों, पशुपालन और डेयरी विभाग एवं मत्स्यपालन विभाग की संयुक्त हिन्दी सलाहकार समिति […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

September 26, 2021 0

निम्नांकित शब्दों को सविस्तार समझने के लिए अपने स्वस्थ तर्क-चिन्तन को बोध का आधार बनायें। शुद्ध और उपयुक्त शब्द :– समाधि, उठावनी, पंचतत्त्व में विलीन, पार्थिव शरीर तथा पन्ना-पृष्ठ/पेज। ★ समाधि– इस शब्द को लेकर […]

बोली विकास मंच की नवागत सह संयोजिका ज्योति सिन्हा

January 16, 2021 0

दिल्ली:– साहित्य संगम संस्थान दिल्ली के बोली विकास मंच की नवागत सह संयोजका ज्योति सिन्हा ने नवीन कुमार भट्ट नीर, बोली विकास मंच के संयोजक को बताया कि हमारा नाम कि उन्हें बचपन से लिखने […]

प्रयोजनमूलक हिंदी के परिप्रेक्ष्य में प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित के प्रदेय पर अन्तर्जालीय अनुष्ठान आयोजित

December 25, 2020 0

भाषा शिक्षण संस्थान हाजीनगर (कलकत्ता), अन्तरराष्ट्रीय भाषा संस्थान सूरत द्वारा प्रायोजित और लखनऊ विश्वविद्यालय तथा ‘इंदु संचेतना’एवं भाखा के संयुक्त तत्त्वावधान में प्रयोजनमूलक हिंदी के परिप्रेक्ष्य में प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित के प्रदेय पर अन्तर्जालीय […]

देवनागरी लिपि और हिन्दीभाषा की महत्ता

November 5, 2020 0

★ ललकार/हुंकार/चुनौती– आपमें से कोई भी इस आलेख में से ‘एक भी’ अशुद्धि निकाल कर दिखाये। — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय हमारी देवनागरी लिपि और हिन्दीभाषा उतनी सहज नहीं हैं, जितनी हिन्दी-भाषा के जानकारजन प्राय: […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

October 23, 2020 0

◆ शब्द– अल्ला और अल्लाह। ★ अल्ला– यह ‘संस्कृत-भाषा’ का शब्द है, जो लिंग-निर्धारण के अन्तर्गत स्त्रीलिंग का शब्द है। अधिकतर कोशकार ‘अल्ला’ शब्द को ‘अरबी-भाषा’ बताते हैं, जो कि भयंकर दोष है। शब्दभेद की […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की भाषा की पाठशाला के उत्तर

October 22, 2020 0

उत्तर, प्रश्न-शृङ्खला के अन्त में अङ्कित हैं । निम्नांकित में से शुद्ध उत्तर का चयन कीजिए :—-(यदि आपको लगता है कि इनमें से कोई उत्तर शुद्ध नहीं है तो कृपया शुद्ध उत्तर अंकित करें।)१- परीक्षक […]

भारतीय नरेशों की हिंदी-सेवा : भारतीय इतिहास की एक अमूल्य सारस्वत निधि

September 29, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय यह कृति निजी डाकसेवान्तर्गत आज (२९ सितम्बर) ही हस्तगत हुई है। प्रथम दृष्ट्या श्रद्धेय डॉ० किरन पाल सिंह जी (कार्यक्रम निदेशक– भारतीय राजभाषा विकास संस्थान, देहरादून (उत्तराखण्ड) के कुशल सम्पादकत्व […]

हिन्दी के बल पर अपनी पहचान बनानेवालों का ‘हिन्दी’ के साथ विश्वासघात!..?

September 23, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय धिक्कार है, देश के सभी समाचार चैनलों के स्वामियों और उनके महिला-पुरुष कर्मचारियों (निदेशक, कार्यकारी निदेशक, सम्पादक, समाचार-सम्पादक, संवाददाता, सूत्रधार आदिक) को, जो ‘हिन्दी’ की दी हुई रोटी तो तोड़ […]

देश की समाचार-चैनलों और समाचारपत्र-पत्रिकाओं का नंगा सच!

July 11, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ‘भाषा-परिष्कार-समिति’केन्द्रीय कार्यालय, इलाहाबाद! अब अनिवार्य हो गया है, देश के मीडिया-तन्त्र (मुद्रित-वैद्युत) में प्रत्येक स्तर पर काम करनेवाले-वालियों संवाददाताओं, समाचारलेखकों, समाचारवाचकों, सम्पादकों, प्रधान सम्पादकों, प्रूफ़-संशोधकों उद्घोषकों, सूत्रधारों आदिक के लिए […]

‘मन’ से एक मुलाक़ात

May 10, 2020 0

कभी-कभी लगता है, ‘भाषा’ की कारीगरी करने की जगह ‘पान’ की दुकान खोलकर सीना तानकर बैठ जाऊँ। वहाँ रहकर भी ‘चूना’ लगाता रहूँगा। जिस क्षण निर्णय कर लूँगा, करके दिखा दूँगा; क्योंकि भाषादरिद्रता से युक्त […]

हिन्दी साहित्य सम्मेलन का बहत्तरवाँ राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न

March 8, 2020 0

● हिमाचलप्रदेश में ‘भाषा-संस्कृति-साहित्य’ का सम्मोहक संगम पृथ्वीनाथ पाण्डेय (भाषाविद् और समीक्षक)– प्रकृति की गोद कितनी अनुपम होती है, इसका व्यावहारिक बोध तब हुआ जब पिछले दिनों हिमाचलप्रदेश के सोनल जनपद में हिन्दी साहित्य सम्मेलन […]

इच्छाशक्ति प्रबल हो तो हिन्दी राष्ट्रभाषा बन सकती है : डॉ०पृथ्वीनाथ

March 1, 2020 0

२९ फ़रवरी को हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग की ओर से राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, सोलन (हिमाचलप्रदेश) के सभागार में ‘एक राष्ट्र-एक भाषा’ विषयक राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन हुआ, जिसमें देश के सुदूर अंचलों से आये हुए […]

रचनाकारों को काव्य मर्मज्ञ सम्मान से किया गया सम्मानित

January 30, 2020 0

भवानीमंडी:- साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली की व्याकरणशाला की अधीक्षिका लता सगुण खरे के द्वारा जानकारी दी गई कि व्याकरणशाला में माह जनवरी में काव्य रचना एवं महाकाव्य का अध्याय पढाया गया । जिसमे सदस्यों […]

‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय’ के कुलपति डॉ० राकेश भटनागर! हमारी मातृभाषा ‘हिन्दी’ के साथ ‘सौतेला व्यवहार’ महँगा पड़ेगा

January 19, 2020 0

‘चेतावनी के स्वर’ डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आप यह भूल रहे हैं कि ‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में बहुसंख्यक वे विद्यार्थी हैं, जो उत्तर-भारत के अंचलों से आते हैं और उनमें से अधिकतर ‘हिन्दी-माध्यम’ में शिक्षित-प्रशिक्षित हैं। […]

भारत की सरकारों के ‘हिन्दीप्रेम’ का यथार्थ

January 11, 2020 0

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय– कल ‘विश्व हिन्दी-दिवस’ था और ऊपर भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का १५ दिसम्बर, २०१५ ई० का पत्र है, जिसे उन्होंने ‘विश्व हिन्दी-दिवस’ के अवसर पर प्रसारित कराया था। बोलने-लिखने-ट्वीट आदिक करने […]

“हिन्दीभाषियों में निस्स्वार्थ सेवाभाव प्रबल हो” : डॉ० पृथ्वीनाथ

September 26, 2019 0

● जंघई, जौनपुर के ‘नागरिक पी० जी० कॉलेज’ में कर्मशाला सम्पन्न “हिन्दी की उन्नति के लिए यह आवश्यक है कि हिन्दीभाषियों, विशेषत: उन लोग में, जो दायित्वपूर्ण पदों पर प्रतिष्ठित हैं, निस्स्वार्थ सेवा का भाव […]

हिन्दीभाषा विश्व की सर्वाधिक वैज्ञानिक भाषा है : डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

September 19, 2019 0

“आप हिन्दीभाषा के अन्तर्गत जिन शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं, वे तब तक मान्य हैं जब तक उनमें कोई विकार उत्पन्न नहीं होता। इसके लिए सबसे उत्तम मार्ग यह है कि आप अपनी कार्य-प्रविधि […]

अस्तित्व नहीं खोना मुझे

June 29, 2019 0

ज़ैतून ज़िया (अध्यापिका)- मन करता है तुम्हें बाँध लूँ कविता में सब पढ़े तुम्हें पसंद करें तुम्हें बार बार दोहराये तुम्हारी पंक्तियों को प्रेम में लेकिन फिर भी तुम मेरे ही रहो  बिलकुल मेरी कविता […]

जन-गण-मन का अभिमान है ‘हिन्दी’

June 22, 2019 0

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय समग्र भारत का परिधान है हिन्दी, राष्ट्रीय आन-बान औ’ शान है हिन्दी। भाषाओं में है शीर्ष स्थान पर स्थित, जीवन-मरण का आख्यान है हिन्दी। आओ! करें नमन अपनी मातृभाषा को, हमारे आचरण […]

हक के लिए आवाज उठाओ तो सही

June 9, 2019 0

कवि सौरभ कुमार ठाकुर (बाल कवि/लेखक), मुजफ्फरपुर, बिहार मो0- 8800416537 हक के लिए आवाज उठाओ तो सही, आवाज में हमारे वजनदारी चाहिए । देश हमारा प्यारा, श्रेष्ठ और सच्चा है, बस देशवासियों में भी ईमानदारी चाहिए […]

शब्द-चिन्तन

June 4, 2019 0

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय- शब्द परा है तो अपरा भी; शब्द ज्योति है तो तिमिर भी; शब्द स्थूल है तो सूक्ष्म भी; शब्द नूतन है तो पुरातन भी; शब्द रुदन है तो हास भी; शब्द सौम्य […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला ★ अशुद्ध शब्द-प्रयोग देखें

October 2, 2018 0

★ अशुद्ध शब्द-प्रयोग देखें :—- साहित्येत्तर, विवाहेत्तर, पाठ्येत्तर, संग्रहित, गणमान्य, ख्याल, सूनसान, अनुग्रहित, बहुत बेहतर, सबसे बेहतरीन, बावजूद भी, अत्यन्त ही, प्राणप्रण, आद्यान्त, प्रवाहमान, सेवा-सुश्रूषा, शोधछात्र, विद्वतजनों, समर्थवान, गुणीजनों, कार्यकत्री। ★ शुद्ध शब्द :– साहित्येतर, […]

स्कूल के बच्चों ने पोस्टर व स्लोगन के माध्यम से मातृभाषा हिंदी के गौरव का किया व्याख्यान

September 19, 2018 0

            हरदोई- मंगली पुरवा स्थित श्री डाल सिंह मेमोरियल स्कूल में 14 सितंबर से चल रहे हिंदी सप्ताह के उपलक्ष्य में पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 200 […]

‘विश्व हिन्दी-सम्मेलन’ का उतरता मुखौटा और नंगा होता आयोजन का अभिप्राय!

August 23, 2018 0

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय कल (२१ अगस्त, २०१८ ईसवी) इलाहाबाद का एक हिन्दी-दैनिक समाचारपत्र देख रहा था। उसमें इलाहाबाद के उन लोग का नाम और चित्र था, जिन्हें मारीशस में सम्पन्न विश्व हिन्दी सम्मेलन में आमन्त्रित […]

तत्सम, तद्भव, देशज तथा विदेशज शब्दावली का मनोहारी दर्शन तुम कौन हो?

July 10, 2018 0

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मैं अपलक उसे निहार रहा था। राजहंस-सा गौर वर्ण, द्रुत विलम्बित-सी गति, अभिधावाणी, उपनागरिका वृत्ति-सी प्रकृति, प्रसाद गुण-सा शील, मासूम चेहरे पर खिलता श्रृंगार-रस, अंग-अंग से फूटता हुआ शब्दालंकार। उसने कुछ कहा […]

भाषाओं की बिन्दी है

April 25, 2018 0

जगन्नाथ शुक्ल (इलाहाबाद) मञ्च नहीं तो रञ्च नहीं है, संग मातु ग़र हिन्दी है। पुण्यप्रसूना विलसित दूना , भाषाओं की बिन्दी है।। मञ्च नहीं तो रञ्च……………………..………।।१।। शुभ्र धवलता अतुलित ममता, समता और सुनीता है। भाग्य […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला में अनुराग-आसक्ति, प्रेम, प्रीति (प्यार), मोह-व्यामोह, स्नेह, प्रणय सद्भाव

March 2, 2018 0

अनुराग-आसक्ति :— आइए! पहले ‘अनुराग’ शब्द की व्युत्पत्ति को समझें :— यह संस्कृत का पुल्लिंग-शब्द है। इसमें ‘अनु’ उपसर्ग है और ‘रञ्ज्’ धातु में ‘घञ्’ प्रत्यय प्रयुक्त कर, ‘राग’ का सर्जन किया गया है। रञ्ज् […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला : एक

February 23, 2018 0

आरती :– यह स्त्रीलिंग शब्द है, जिसका अर्थ है, किसी मूर्ति के चारों ओर सामने से दीपक को घुमाना। आरती किसी व्यक्ति -विशेष की नहीं की जाती प्रत्युत देवि-देव-विशेष की जाती है | शुद्ध अर्थात् […]

कविता – मातृ भाषा हिंदी

February 11, 2018 0

नेहा द्विवेदी- जनता की ये जुबां है, भावों का आसमां है । मातृ भाषा हिंदी भारत की आत्मा है । अगणित भाषा वाले हिंद की पहचान है हिंदी मां भारती की शान है, सम्मान है […]

‘एक्‍ज़ाम वॉरियर’ के हिंदी संस्‍करण का योगी आदित्‍यनाथ ने आज किया लोकार्पण

February 10, 2018 0

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्‍कूली बच्‍चों के लिए लिखी गई पुस्तक ‘एक्‍ज़ाम वॉरियर’ के हिंदी संस्‍करण का उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने नई दिल्‍ली में आज लोकार्पण किया । इस अवसर पर मुख्‍यमंत्री […]

हिन्दी ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान सम्पूर्ण राष्ट्र में समन्वय का काम किया

January 29, 2018 0

हिन्दी ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान सम्पूर्ण राष्ट्र में समन्वय का काम किया। अब, हिन्दी राष्ट्र की समृद्धि में सहायक का काम कर रही है। हिन्दी केवल राजभाषा नहीं है बल्कि, हिन्दी भाषाओं की मातृत्व […]

हिंदी भारत और नेपाल को जोड़ने वाली भाषा है : जितेन्‍द्र नारायण देव

January 10, 2018 0

हिन्‍दी के प्रसार प्रचार और लोगों में भाषा की जागरुकता के उददेश्‍य से आज 10 जनवरी को विश्‍व हिन्‍दी दिवस मनाया जा रहा है । पहला विश्‍व हिन्‍दी दिवस सम्‍मेलन 10 जनवरी, 1975 को वैश्विक […]

अपने ही हिंदोस्तान में हिंदी बन गई पराई

January 3, 2018 0

क्रांतिप्रिया- ‘देखो बेटा ‘काउ आई। चलो उसे रोटी देंगे। बुलाओ- आजा काउ, आजा काउ। दो साल के छुटके को उसकी मां गाय को रोटी देना सिखा रही थी। बच्चा काउ-काउ करके उसे बुला रहा था, […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला में ‘विराम चिह्नों का प्रयोग’

December 5, 2017 0

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय- वाक्य में स्पष्टता लाने के लिए, अर्थात् भाव का अर्थ प्रकट करने के लिए विराम चिह्नों का प्रयोग अनिवार्य माना गया है। किसी भी विराम चिह्न की स्वतन्त्र सत्ता नहीं होती। नीचे […]

शुद्ध शब्द ‘बीभत्स’ है अथवा ‘वीभत्स’?

November 27, 2017 0

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय- यहाँ पर दो शब्द हैं : ‘बीभत्स’ और ‘वीभत्स’। ‘मुक्त मीडिया’ की एक मित्र हैं, ‘सुधा मिश्र द्विवेदी जी’। सुधा जी रेलविभाग में ‘राजभाषा-अधिकारी’ हैं; कई भाषाओं की ज्ञाता हैं तथा ‘गोल्ड […]

हिन्दी माता

November 12, 2017 0

जगन्नाथ शुक्ल, इलाहाबाद- हिन्दी माता की सेवा में, निज भाव समर्पित करता हूँ । अपना सौन्दर्य बढ़ाता हूँ, माता के ही नित गुण गाता हूँ। श्रृंगार,करुण औ हास्य संग, शब्द प्रसून नित अर्पित करता हूँ।। […]

हिंदी साहित्य में भक्तिकाल एव सामाजिक चिंतन

October 31, 2017 0

डॉ.आकांक्षा मिश्रा, गोंडा (उत्तर -प्रदेश) भारतीय धर्म-साधना में भक्ति के मार्ग का विशिष्ट स्थान माना जाता है , मनुष्य प्राकृतिक शक्तियों के दैवीकरण के बाद देवताओं में असीम भक्ति की उपज होने के साथ ही […]

हमारी ‘हिन्दीभाषा’ की गरिमा ध्वस्त की जा रही है!

October 6, 2017 0

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय- नीचे एक अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी का ‘निमन्त्रणपत्र’ है, जिसे आयोजकगण ने  ‘मुक्त मीडिया’ के माध्यम से सार्वजनिक किया है। ‘विश्व हिन्दी संस्थान’ कनाडा की ओर से उक्त आयोजन किया जायेगा किन्तु  इस पत्र […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय जी की असाधारण कविता :— ‘हमारी हिन्दी’

October 5, 2017 0

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय हिन्दी के नाम पर, हिंगलिश की मंडी है | सिखाता शुद्ध हिन्दी, तो कहते घमंडी है | मगर मैं तो कहता, वे सारे पाखंडी हैं | पल में झुलसने वाली गोबर की […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय जी की पाठशाला में भारतीय भाषा और बोलियों के बारे में विशेष बातें

October 5, 2017 0

एक प्रोफ़ेसर साहिब को ‘डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का उत्तर’ प्रोफेसर शब्द के ‘फ’ वर्ण पर ‘नुक़्त:’ लगेगा? (प्रोफ़ेसर साहिब का कहना है कि मात्र अरबी के वर्णों में ही ‘नुक़्ता’ (शुद्ध नुक़्त:) का प्रयोग होता […]

निज भाषा है अपना मान, हिंदी से ही है सम्मान

September 14, 2017 0

मनीष कुमार शुक्ल ‘मन’, लखनऊ- किस कारण कोई स्वाँग रचो || किस कारण कोई स्वाँग रचो || निज भाषा है अपना मान | हिंदी से ही है सम्मान || अपनी भाषा ही है मूल | […]

कमज़ोर नहीं है हिन्दी

September 14, 2017 0

राघवेन्द्र कुमार ”राघव”- हर बार की तरह इस बार भी १४ सितम्बर हिन्दी की याद दिला गया । हिन्दी का विकास हो रहा है, प्रचार – प्रसार में बड़ी -बड़ी बातें कहते हुए नीति नियन्ता, […]

राष्ट्रीय हिन्दी सप्ताह के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता

September 13, 2017 0

राजकीय जिला पुस्तकालय अध्यक्ष धर्मदास ने बताया है कि पं0दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्मशती वर्ष व राष्ट्रीय हिन्दी सप्ताह के अवसर पर राजकीय जिला पुस्तकालय एवं इण्डियन पब्लिक लाइब्रेरी मूवमेन्ट उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान […]

साहित्य संस्थान द्वारा राज्यकर्मियों हेतु पुरस्कार

September 11, 2017 0

जिलाधिकारी ने बताया है कि राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान द्वारा वर्ष 2017-18 के लिये राज्यकर्मियों को देवनागरी लिपि मे लिखि जाने वाली प्रदेश की भाषाओं/बोलियों मे दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिये चार पुरस्कार (दो गद्य […]

कैसे आती बसन्ती ऋतु प्यार की

September 9, 2017 0

पवन कश्यप (युवा गीतकार, हरदोई)- अधखिले पुष्प जब वो खिले ही नहीं । कल मिलेंगे उन्होंने ये वादा किया, एक अरसा हुआ वो मिले ही नहीं। कैसे आती बसन्ती ऋतु प्यार की   मखमली शाम […]