‘परीक्षा पे/पर चर्चा’ वाक्यांश-प्रयोग का औचित्य?
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इन दिनो एक वाक्यांश शिक्षाजगत् की शब्द-सम्पदा को खाने के लिए ‘जंगली कुत्ते’ की तरह से छोड़ दिया गया है। आश्चर्य है, उस कुत्ते को लठियाने की हिम्मत मरती हुई […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इन दिनो एक वाक्यांश शिक्षाजगत् की शब्द-सम्पदा को खाने के लिए ‘जंगली कुत्ते’ की तरह से छोड़ दिया गया है। आश्चर्य है, उस कुत्ते को लठियाने की हिम्मत मरती हुई […]
कवि राजेश पुरोहित, भवानीमंडी हिन्दी आन है हमारी शान है। हिन्दी हम सबकी पहचान है।। हिन्दी में गीता और कुरान है। हिन्दी ही हम सबकी जान है।। हिन्दी का रखना हमें ध्यान है। हिन्दी में […]
‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग’ की ओर से आगामी १२-१३ मार्च को आयोजित किये जानेवाले द्विदिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन की कार्ययोजना के संदर्भ मे ८ मार्च को सम्मेलन के प्रधानमन्त्री-कार्यालय मे एक पत्रकार-वार्त्ता का आयोजन किया गया। […]
Under the aegis of Azadi Ka Amrit Mahotsav, on the occasion of International Mother Language Day, Ministry of Culture, Government of India is organizing a two-day event for 21st – 22nd February 2022 at Indira Gandhi National […]
नववर्ष में हिन्दीभाषा की शुद्धता के प्रति समाज को हमारे साहित्यकार, अध्यापक तथा पत्रकार-वर्ग जागरूक करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसका लक्षण उस समय दिखा जिस समय ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज की ओर से नववर्ष की पूर्व-सन्ध्या […]
प्रयागराज, 4 दिसंबर। हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग की कार्यसमिति सदस्य डॉ. प्रभात ओझा को केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के दोनों विभागों, पशुपालन और डेयरी विभाग एवं मत्स्यपालन विभाग की संयुक्त हिन्दी सलाहकार समिति […]
निम्नांकित शब्दों को सविस्तार समझने के लिए अपने स्वस्थ तर्क-चिन्तन को बोध का आधार बनायें। शुद्ध और उपयुक्त शब्द :– समाधि, उठावनी, पंचतत्त्व में विलीन, पार्थिव शरीर तथा पन्ना-पृष्ठ/पेज। ★ समाधि– इस शब्द को लेकर […]
दिल्ली:– साहित्य संगम संस्थान दिल्ली के बोली विकास मंच की नवागत सह संयोजका ज्योति सिन्हा ने नवीन कुमार भट्ट नीर, बोली विकास मंच के संयोजक को बताया कि हमारा नाम कि उन्हें बचपन से लिखने […]
भाषा शिक्षण संस्थान हाजीनगर (कलकत्ता), अन्तरराष्ट्रीय भाषा संस्थान सूरत द्वारा प्रायोजित और लखनऊ विश्वविद्यालय तथा ‘इंदु संचेतना’एवं भाखा के संयुक्त तत्त्वावधान में प्रयोजनमूलक हिंदी के परिप्रेक्ष्य में प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित के प्रदेय पर अन्तर्जालीय […]
★ ललकार/हुंकार/चुनौती– आपमें से कोई भी इस आलेख में से ‘एक भी’ अशुद्धि निकाल कर दिखाये। — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय हमारी देवनागरी लिपि और हिन्दीभाषा उतनी सहज नहीं हैं, जितनी हिन्दी-भाषा के जानकारजन प्राय: […]
◆ शब्द– अल्ला और अल्लाह। ★ अल्ला– यह ‘संस्कृत-भाषा’ का शब्द है, जो लिंग-निर्धारण के अन्तर्गत स्त्रीलिंग का शब्द है। अधिकतर कोशकार ‘अल्ला’ शब्द को ‘अरबी-भाषा’ बताते हैं, जो कि भयंकर दोष है। शब्दभेद की […]
उत्तर, प्रश्न-शृङ्खला के अन्त में अङ्कित हैं । निम्नांकित में से शुद्ध उत्तर का चयन कीजिए :—-(यदि आपको लगता है कि इनमें से कोई उत्तर शुद्ध नहीं है तो कृपया शुद्ध उत्तर अंकित करें।)१- परीक्षक […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय यह कृति निजी डाकसेवान्तर्गत आज (२९ सितम्बर) ही हस्तगत हुई है। प्रथम दृष्ट्या श्रद्धेय डॉ० किरन पाल सिंह जी (कार्यक्रम निदेशक– भारतीय राजभाषा विकास संस्थान, देहरादून (उत्तराखण्ड) के कुशल सम्पादकत्व […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय धिक्कार है, देश के सभी समाचार चैनलों के स्वामियों और उनके महिला-पुरुष कर्मचारियों (निदेशक, कार्यकारी निदेशक, सम्पादक, समाचार-सम्पादक, संवाददाता, सूत्रधार आदिक) को, जो ‘हिन्दी’ की दी हुई रोटी तो तोड़ […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ‘भाषा-परिष्कार-समिति’केन्द्रीय कार्यालय, इलाहाबाद! अब अनिवार्य हो गया है, देश के मीडिया-तन्त्र (मुद्रित-वैद्युत) में प्रत्येक स्तर पर काम करनेवाले-वालियों संवाददाताओं, समाचारलेखकों, समाचारवाचकों, सम्पादकों, प्रधान सम्पादकों, प्रूफ़-संशोधकों उद्घोषकों, सूत्रधारों आदिक के लिए […]
कभी-कभी लगता है, ‘भाषा’ की कारीगरी करने की जगह ‘पान’ की दुकान खोलकर सीना तानकर बैठ जाऊँ। वहाँ रहकर भी ‘चूना’ लगाता रहूँगा। जिस क्षण निर्णय कर लूँगा, करके दिखा दूँगा; क्योंकि भाषादरिद्रता से युक्त […]
● हिमाचलप्रदेश में ‘भाषा-संस्कृति-साहित्य’ का सम्मोहक संगम पृथ्वीनाथ पाण्डेय (भाषाविद् और समीक्षक)– प्रकृति की गोद कितनी अनुपम होती है, इसका व्यावहारिक बोध तब हुआ जब पिछले दिनों हिमाचलप्रदेश के सोनल जनपद में हिन्दी साहित्य सम्मेलन […]
२९ फ़रवरी को हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग की ओर से राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, सोलन (हिमाचलप्रदेश) के सभागार में ‘एक राष्ट्र-एक भाषा’ विषयक राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन हुआ, जिसमें देश के सुदूर अंचलों से आये हुए […]
भवानीमंडी:- साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली की व्याकरणशाला की अधीक्षिका लता सगुण खरे के द्वारा जानकारी दी गई कि व्याकरणशाला में माह जनवरी में काव्य रचना एवं महाकाव्य का अध्याय पढाया गया । जिसमे सदस्यों […]
‘चेतावनी के स्वर’ डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आप यह भूल रहे हैं कि ‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में बहुसंख्यक वे विद्यार्थी हैं, जो उत्तर-भारत के अंचलों से आते हैं और उनमें से अधिकतर ‘हिन्दी-माध्यम’ में शिक्षित-प्रशिक्षित हैं। […]