प्रकट होते, एक-से-बढ़कर-एक व्याकरणाचार्य!
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय कल (१७ सितम्बर) एक शिष्य ने मेरे पास सप्रमाण सूचना प्रेषित की थी, “गुरुदेव! आपके ‘परमप्रिय शिष्य’ कहलानेवाले…… (उसका नाम प्रकाशित नहीं करना चाहता।) ने एक व्याकरण की पुस्तक लिख […]